महाराष्ट्र में 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका, रविवार को होगी सुनवाई
मुंबई, 20 जनवरी। अयोध्या में राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के अवसर पर 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को एमएनएलयू, जीएलसी और एनआईआरएमए लॉ स्कूलों से जुड़े कानून के चार छात्रों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस नीला गोखले की विशेष पीठ 21 जनवरी को पूर्वाह्न 10.30 बजे इस मामले की सुनवाई करेगी।
यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब कई राज्यों में राज्य सरकारों ने 22 जनवरी को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में छुट्टियों या आधे दिन की घोषणा की है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के दिन केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधे कार्य दिवस की भी घोषणा की।
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार की शाम 22 जनवरी को राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “राज्य सरकार 22 जनवरी को एक दिवसीय सार्वजनिक दिवस को ‘श्री राम लला प्राण-प्रतिष्ठा दिवस’ के रूप में घोषित कर रही है।”
शेयर बाजार भी 22 जनवरी को बंद रहेंगे, शनिवार को हुआ कारोबार
महाराष्ट्र सरकार की घोषणा के कुछ देर बाद 22 जनवरी को भारत के शेयर बाजार भी बंद रहने की घोषणा सामने आई। उसका नतीजा यह रहा कि आज शनिवार को अवकाश के दिन शेयर बाजार में पूरे समय तक कारोबार हुआ।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि छुट्टी का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लाया गया था और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को हरी झंडी देने का फैसला किया। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कई अन्य राज्यों में छुट्टियां या आधे दिन की घोषणा की गई है।
इन राज्यों में भी रहेगी सार्वजनिक छुट्टी या आधा कार्य दिवस
22 जनवरी को सार्वजनिक छुट्टी या आधे कार्य दिवस वाले अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, हरियाणा, ओडिशा, असम, गुजरात, उत्तराखंड आदि शामिल हैं। संबंधित सरकारों ने इस बात पर जोर दिया कि वे नहीं चाहते कि सरकारी अधिकारी अयोध्या में राम मंदिर में भव्य ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से दूर रहें और उन्होंने या तो छुट्टी घोषित करने या उन्हें दोपहर 2.30 बजे तक आधे दिन की छुट्टी देने का फैसला किया है।