मणिपुर हिंसा : एजेंसियों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कड़ी की निगरानी, अब तक 6000 केस दर्ज
नई दिल्ली, 22 जुलाई। मणिपुर में गत तीन मई से जारी जातीय संघर्ष के बीच दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न और उन्हें नग्न घुमाने के वायरल वीडियो पर उपजे आक्रोश के बाद सरकारी एजेंसियों एवं सुरक्षा बलों ने राज्य में सभी घटनाओं की जांच बढ़ा दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसियों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी निगरानी भी कड़ी कर दी है। अब तक 6,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर आगजनी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, ‘हमने अपने निगरानी प्रयासों को बढ़ा दिया है। हम कई संभावित भड़काऊ दावों को बढ़ने से पहले ही रोकने में सफल रहे हैं। इस रणनीति का उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर विशेष ध्यान देने के साथ गलत सूचना के प्रसार को रोकना है, जहां मणिपुर में कथित घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।’
उन्होंने कहा, ‘काररवाई से पहले फुटेज की प्रामाणिकता की जांच की जाती है। यह भी बात सामने आई है कि हिंसा के कारण राज्य में फैली अशांति की वजह से पुलिस स्टेशनों में हत्या और हमले जैसे गंभीर अपराधों की जांच में बाधा आ रही है।’ एक सूत्र ने खुलासा किया कि कई पुलिस स्टेशन एक कंकाल दल के साथ काम कर रहे हैं। उनका कानून और व्यवस्था को बनाए रखना मुख्य फोकस बन गया है।
गौरतलब है कि अशांति को देखते हुए केंद्र ने कानून और व्यवस्था की समस्याओं से निबटने में राज्य पुलिस की सहायता के लिए 135 कम्पनियां भेजी हैं। कथित तौर पर स्थिति में सुधार हो रहा है, हालांकि छिटपुट घटनाएं अब भी जारी हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘मणिपुर के 16 जिलों में से आधे को अब भी समस्याग्रस्त माना जाता है। हम आत्मसंतुष्टि से बचने के लिए समय-समय पर बल का चक्रण भी कर रहे हैं।’
वीडियो मामले में हुई पांचवीं गिरफ्तारी
इस बीच दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वीडियो वायरल होने के बाद इस घटना में पुलिस ने पांचवें आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपित की पहचान युमलेम्बम नुंगसिथोई मेटेई (19) के रूप में हुई है। पहले गिरफ्तार किए गए चार आरोपित गुरुवार को 11 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजे जा चुके हैं।