1. Home
  2. हिन्दी
  3. महत्वपूर्ण
  4. कहानियां
  5. हनुमान जंयती: अमित शाह ने हनुमान जी की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण, जानें क्या है इस मंदिर की मान्यता
हनुमान जंयती: अमित शाह ने हनुमान जी की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण, जानें क्या है इस मंदिर की मान्यता

हनुमान जंयती: अमित शाह ने हनुमान जी की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण, जानें क्या है इस मंदिर की मान्यता

0
Social Share

नई दिल्ली, 6 अप्रैल। देशभर में आज हनुमान जंयती का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के बोटाद जिले के सलंगपुर मंदिर में भगवान हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इसके अलावा अमित शाह ने सलंगपुर हनुमान मंदिर में श्री कष्टभंजनदेव भोजनालय का भी उद्घाटन किया। यह भोजनालय सात एकड़ में बनाया गया है।

बता दें कि भाजपा आज अपना 44वां स्थापना दिवस भी मना रही है। अहमदाबाद से करीब 150 किमी दूर सलंगपुर हनुमान मंदिर परिसर में कष्टभंजन हनुमान जी की 54 फीट ऊंची प्रतिमा बनी है। पंचधातु से बनी 30 हजार किलो वजन की इस प्रतिमा को 7 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। इस प्रतिमा पर कुल लागत करीब 6 करोड़ रुपए लगी है। कष्टभंजन हनुमान मंदिर की स्थापना विक्रम संवत 1905 में हुई थी। इसका निर्माण सद्गुरु गोपालानंद स्वामी ने करवाया था। गुजरात के बोटाद जिले के सलंगपुर में बने कष्टभंजन हनुमान को यहां हनुमान दादा के नाम से बुलाया जाता है।

मान्यता है कि मंदिर में आने से लोगों को शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि बहुत समय पहले जब लोग शनिदेव का प्रकोप झेल रहे थे तो उन्होंने हनुमान जी की आराधना की, जिसके बाद बजरंगबली ने लोगों को शनिदेव से मुक्त कराया था। मान्यता के अनुसार जब भक्तों ने पुकार लगाई तो हनुमान जी शनिदेव को सबक सिखाने के लिए चल पड़े।

जब शनिदेव को हनुमान जी के प्रकोप के बारे में पता चला तो डर गए कि उनके गुस्से से बचना मुश्किल है। तभी शनिदेव को उपाय सूझा कि कि बजरंगबली ब्रह्मचारी हैं तो वह स्त्री पर कभी हाथ नहीं उठाएंगे। ऐसे में शनिदेव ने स्त्री का रूप धार लिया। हनुमानजी ने शनिदेव को पहचान लिया। शनिदेव ने हनुमान जी के चरणों में गिरकर माफी मांगी तब बजरंगबली ने उन्हें अपने पैरों के नीचे रख लिया। तभी से कष्टभंजन हनुमान मंदिर में शनि देव स्त्री के रूप में बजरंगबली के पैरों के नीचे विराजमान हैं और यहां इसी रूप में उनकी पूजा होती है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code