राम नवमी पर कन्या पूजन कर मुख्यमंत्री योगी ने की मातृ शक्ति की आराधना
गोरखपुर, 30 मार्च। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि पर गुरुवार को गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार कन्या पूजन किया। नवमी तिथि के अनुष्ठान की कड़ी में गोरखनाथ मंदिर के अन्न क्षेत्र (नवीन भंडारा भवन) में आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम में सीएम योगी ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव पखारे, उनका विधि विधान से पूजन किया, चुनरी ओढ़ाई, आरती उतारी, श्रद्धापूर्वक भोजन कराया, दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री ने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया। चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि के अनुष्ठान में सीएम योगी ने सबसे पहले कुंवारी कन्याओं के पांव धोये। उनके माथे पर रोली, चंदन, अक्षत, आदि का तिलक लगाया। दुर्वा से अभिषेक किया। चुनरी ओढ़ाकर, उपहार एवं दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद लिया।
'श्री रामनवमी' के पावन अवसर पर @GorakhnathMndr में कन्या पूजन व प्रसाद वितरण कार्यक्रम में…
मातृशक्ति को नमन! https://t.co/71B8NSilxQ
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 30, 2023
सीएम योगी ने नौ कन्याओं का पूजन करने के बाद वहां मौजूद करीब तीन सौ की संख्या में कुंवारी कन्याओं व बटुकों की श्रद्धाभाव से घण्टी बजाकर आरती भी उतारी। सभी को मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने तिलक लगाया।
इन सभी को भी चुनरी व गमछा ओढ़ाकर दक्षिणा प्रदान किया गया। पूजन के बाद इन कन्याओं को मंदिर की रसोई में पकाया गया ताजा भोजन प्रसाद योगी ने अपने हाथों से परोसा। कन्याओं के अतिरिक्त बड़ी संख्या में पहुंचे बटुकों को भी श्रद्धापूर्वक भोजन कराकर उपहार व दक्षिणा दिया गया।
कन्या पूजन के अनुष्ठान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्याओं व बटुकों से निरंतर आत्मीयता से बातचीत करते रहे। भोजन व्यवस्था की कमान खुद संभालकर यह भी ख्याल रखते रहे कि किसी भी कन्या या बटुक की थाली में भोजन प्रसाद की कोई कमी न रहे। इसे लेकर वह मंदिर की व्यवस्था से जुड़े लोगों को निर्देशित करते रहे।
पूजन के दौरान काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, चचाईराम मठ के महंत पंचानन पुरी, गोरखनाथ मंदिर के द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह, दुर्गेश बजाज, अमित सिंह मोनू, विनय गौतम आदि मौजूद रहे। सीएम योगी ने इसके पूर्व प्रातःकाल के पूजन सत्र में मंदिर के शक्तिपीठ में मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से आराधना की।