श्रीनगर, 11 मार्च। उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा में एलओसी के साथ सटे गुरेज सेक्टर के तुलैल इलाके में शुक्रवार की दोपहर राहत अभियान पर निकला सेना का एक हेलीकॉप्टर ‘चीता’ गुजरां गली नाले के करीब दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना में एक पायलट की मौत की पुष्टि हुई है जबकि सह पायलट की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सह पायलट गंभीर, सैन्य अस्पताल में भर्ती
गुरेज से मिली जानकारी के अनुसार एलओसी के साथ सटी एक अग्रिम चौकी पर तैनात एक बीएसएफ कर्मी की तबीयत बिगड़ गई थी। उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए श्रीनगर लाया जाना जरूरी था। सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर सुबह इसी मिशन पर बांदीपुरा से रवाना हुआ। जब वह गुरेज सेक्टर में गुजरां गली नाले के ऊपर उड़ रहा था तो अचानक उसमें कोई तकनीकी खराबी आ गई। हेलीकाप्टर को पूरी तरह बेकाबू होते देख पायलट व सहपायलट उससे कथित तौर पर कूद गए। इसके बाद हेलीकाप्टर भी नाले में जा गिरा और उसमें आग लग गई।
हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही निकटवर्ती सैन्य शिविरों से बचावकर्मी अपने साजो सामान समेत गुजरां गली नाले की तरफ रवाना हो गए। यह इलाका पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है। उन्होंने जल्द ही पायलट व सहपायलट को तलाश कर लिया। हालांकि पायलट की मौके पर ही मौत हो चुकी थी जबकि सहपायलट गंभीर रूप से जख्मी था। सह पायलट को उसी समय एक अन्य हेलीकॉप्टर से उपचार के लिए श्रीनगर लाया गया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पायलट हादसे में बलिदानी हो गया है जबकि सहपायलट घायल है। सालभर के दौरान प्रदेश में किसी अभियान के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाला सेना का यह तीसरा हेलीकॉप्टर है।
पिछले वर्ष भी जम्मू-कश्मीर में दो हेलीकॉप्टर क्रैश हुए थे
गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी जम्मू-कश्मीर में दो हेलीकॉप्टर क्रैश हुए थे। इनमे अगस्त में कठुआ के बसोहली इलाके में डैम में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमे लेफ्टिनेंट कर्नल ए.एस. बाथ तथा कैप्टन जयंत जोशी की मौत हो गई थी।
इसके बाद सितम्बर, 2021 में उधमपुर के पटनीटॉप में हुए क्रैश में भी दोनों पायलटों की मौत हो गई थी। वहीं, 2015 में ही बांदीपोरा में एक हेलीकॉप्टर क्रैश में लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी व मेजर ताहिर हुसैन खान की मौत हुई थी।