यूपी चुनाव : गोरखपुर में सीएम योगी से मुकाबले की तैयारी कर रहे डॉ. कफील खान
लखनऊ, 25 जनवरी। गोरखपुर बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में लगभग साढ़े चार वर्ष पूर्व कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कई बच्चों की मौत की घटना से सुर्खियों में आए बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान गोरखपुर सदर सीट से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद अपनी आजाद समाज पार्टी से मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ ताल ठोकने का एलान कर चुके हैं।
डॉ. कफील बोले – कई दलों से बातचीत चल रही
डॉ. कफील खान ने मंगलवार को कहा, ‘मैं गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ सकता हूं। कई दलों से मेरी बात चल रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा और कोई पार्टी मुझे टिकट देती है तो मैं तैयार हूं।’ हालांकि कुरेदे जाने पर भी डॉ. कफील खान ने उन राजनीतिक दलों का नाम नहीं बताया, जो उनके संपर्क में हैं। ज्ञातव्य है कि गोरखपुर में विधानसभा चुनाव के छठे चरण में आगामी तीन मार्च को मतदान होना है।
‘बच्चों की मौत के मामले में मुझे बलि का बकरा बनाया गया‘
डॉ. कफील खान ने आरोप लगाया कि उन्हें अगस्त, 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई 80 बच्चों की मौत के मामले में ‘बलि का बकरा’ बनाया गया। गौरतलब है कि डॉ. खान गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुई उस त्रासद घटना के वक्त वहां तैनात थे। इस मामले में उन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।
सरकारी सेवा से बर्खास्तगी के बाद कर रहे अपनी पुस्तक का प्रमोशन
डॉ. खान ने कहा कि वह फेसबुक, ट्विटर इत्यादि सोशल मीडिया मंच पर सक्रिय हैं और इस वक्त वह मुंबई में हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई से वह हैदराबाद व बेंगलुरु जाएंगे, जहां अपनी किताब ‘द गोरखपुर हॉस्पिटल ट्रेजेडी- ए डॉक्टर्स मेमोरी ऑफर डेडली मेडिकल क्राइसिस’ का प्रमोशन करेंगे। यह किताब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज त्रासदी पर ही आधारित है।
‘मुझे प्रताड़ित करने का सिलसिला अभी रुका नहीं है‘
उन्होंने दावा किया, ‘मुझे प्रताड़ित करने का सिलसिला अभी रुका नहीं है। गत 17 दिसंबर को मेरी किताब का विमोचन होने के बाद पुलिस 20 दिसंबर और फिर 28 दिसंबर तथा इस महीने भी मेरे घर पहुंची और दावा किया कि मैं गोरखपुर जिले के राजघाट थाने का हिस्ट्रीशीटर हूं और विधानसभा चुनाव की वजह से ऐसे लोगों का सत्यापन किया जा रहा है।’
डॉ. खान ने दावा किया कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के बाद उन्होंने व्यक्तिगत प्रयास कर ऑक्सीजन सिलेंडर एकत्र किए थे, जिससे अनेक बच्चों की जान बची। उन्होंने कहा कि अगले दिन अखबारों में उन्हें एक नायक के तौर पर पेश किया था, मगर इसके बावजूद उन्हें निशाना बनाया गया जबकि बाकी आरोपितों को छोड़ दिया गया।
बर्खास्तगी के निर्णय को हाई कोर्ट में दे रखी है चुनौती
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जान बूझकर उनके परिवार को प्रताड़ित किया और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उन्हें लंबे वक्त तक जेल में रखा। उन्होंने कहा कि जनवरी, 2020 में यह कहते हुए उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की गई कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण दिया था, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोप खारिज कर दिए। उन्होंने कहा कि नौ नवंबर, 2021 को उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और उन्होंने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।