सीएम योगी बोले – प्रभु श्रीराम और धर्म अलग-अलग नहीं हो सकते, अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी
अयोध्या, 1 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों पर जमकर प्रहार करते हुए कहा है कि प्रभु श्रीराम और धर्म अलग-अलग नहीं हो सकते। वे एक-दूसरे के पूरक हैं।
कौन भारतीय होगा, जो अयोध्या पर गौरव की अनुभूति न करता हो?
अयोध्या स्थित महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ में आयोजित ‘श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ’ के पूर्णाहुति कार्यक्रम में बुधवार को अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने न कभी अन्याय किया और न अन्याय सहा, अर्थात हम अधर्म नहीं करेंगे और अधर्म नहीं सहेंगे। अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी है। अयोध्या जी में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने सम्पूर्ण मानवता के लिए एक अप्रतिम आदर्श स्थापित किया। कौन ऐसा भारतीय होगा, जो अयोध्या पर गौरव की अनुभूति न करता हो?
महर्षि महेश योगी का अद्भुत कार्य वर्तमान कालखंड के लिए अभिनंदनीय
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तत्कालीन सरकारें सेक्युलर होने का दिखावा कर रही थीं, भारत और भारतीयता से मुंह मोड़ने का प्रयास कर रही थीं, तब महर्षि महेश योगी जी ने विश्व के समक्ष भारत की बात को पूरी दृढ़ता से रखने का साहस किया। उनका कार्य उस कालखंड के लिए अद्भुत था और वर्तमान के लिए अभिनंदनीय है।
जनपद अयोध्या स्थित महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ में आयोजित 'श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ' के समापन अवसर पर… https://t.co/9ERZ484iWP
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 1, 2021
उन्होंने कहा कि वेदों के बारे में दुनिया में दुष्प्रचार किया गया। गलत तरीके से तथ्य प्रस्तुत किए गए। इन सबके बावजूद वैश्विक मंचों पर महर्षि महेश योगी जी ने बेधड़क भारत और भारतीयता, वेदों की शिक्षा, रामायण के प्रसंगों तथा महाभारत के उद्धरणों को मजबूती के साथ प्रस्तुत किया।
राष्ट्र को कमजोर करने वाली कड़ियों की सदैव मरम्मत की जानी चाहिए
सीएम योगी ने कहा कि धर्म के परिमार्जन की परंपरा हर कालखंड में चलनी चाहिए। समाज को कमजोर करने वाली उन सभी कड़ियों की हमेशा मरम्मत की जानी चाहिए, जिनके कारण राष्ट्र कमजोर होता है। उन्होंने कहा, ‘अयोध्या ने 500 वर्षों तक लंबा संघर्ष देखा है। समय-समय पर हमले होते रहे, लेकिन अयोध्या कभी चुप नहीं बैठी। हम लोग अन्याय व अत्याचार बर्दाश्त नहीं करते। यही अयोध्या है।’