बिहार : कोरोना से मौतों के नए आंकड़ों पर लालू का वार – ‘बन आंकड़ों का दर्जी, घटा-बढ़ा दिया मनमर्जी’
पटना, 10 जून। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंकडों में संशोधन कर मृतकों की सूची में अचानक लगभग चार हजार की बढ़ोतरी के चलते विपक्ष को बिहार सरकार पर निशाना साधने के लिए एक नया हथियार मिल गया है। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) व कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर कोरोना आंकड़ों में हेराफेरी का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर कड़ा प्रहार किया है।
लालू यादव ने अपने ही अंदाज में ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘बन आंकड़ों का दर्जी, घटा-बढ़ा दिया मनमर्जी, फर्ज भुला नीतीश बने फर्जी, अपार हुई जग हंसाई.. फिर भी शर्म ना आई।’ लालू यादव से पहले उनके पुत्र और बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि नीतीश सरकार ही फर्जी है तो आंकड़े भी तो फर्जी ही होंगे।
दरअसल, इस नए विवाद की जड़ में राज्य सरकार द्वारा कराई गई वह ऑडिट है, जिसके बाद कोरोना के कारण हुईं करीब चार हजार मौतों को अब रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। बुधवार को राज्य में कोरोना से मरने वालों का प्रारंभिक आंकड़ा 5,478 था। लेकिन सत्यापन के बाद इसमें अतिरिक्त 3,951 अन्य लोगों की मौत के आंकड़े जोड़े गए। नतीजा यह हुआ कि राज्य में कोरोना से अब तक मरने वालों की कुल संख्या साढ़े लगभग पांच हजार से बढ़कर अचानक नौ हजार के पार 9,429 तक पहुंच गई।
बिहार सरकार द्वारा जोड़े गए पुराने आंकड़े के कारण ही गुरुवार को देश में कोरोना के कारण हुई कुल मौतों की संख्या छह हजार से अधिक दर्ज की गई है। अगर एक दिन में मौतों का आंकड़ा देखें तो यह दुनिया में सबसे ज्यादा बैठता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा – कोई नंबर नहीं छुपाया गया
फिलहाल ताजा आंकड़ों को लेकर हुए विवाद पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, ‘सरकार ने कोई नंबर छुपाया नहीं है, बल्कि नियमों के साथ सभी के सामने रखा है। हमने हर जिले में कमेटी बनाई थी और ऑडिट कर आंकड़ों को सामने लाया गया है।’ उन्होंने कहा कि अगर केंद्र के प्रोटोकाल के तहत कोरोना से मृत्यु के मामले सामने आते हैं तो उसे भी शामिल किया जाएगा।