1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. यूपी : जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पर पिछली सपा सरकार का प्रस्ताव योगी सरकार ने पलटा
यूपी : जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पर पिछली सपा सरकार का प्रस्ताव योगी सरकार ने पलटा

यूपी : जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पर पिछली सपा सरकार का प्रस्ताव योगी सरकार ने पलटा

0
Social Share

लखनऊ, 6 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख को हटाने या उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूर्ववर्ती सपा सरकार के निर्णय को योगी सरकार ने पलट दिया है। अब दो तिहाई बहुमत से दो वर्ष बाद ही इन्हें हटाया जा सकेगा।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अध्यादेश को दी मंजूरी

अखिलेश सरकार के फैसले के खिलाफ कैबिनेट में लाए गए प्रस्ताव को योगी सरकार ने अध्यादेश के जरिए राज्यपाल को भेजा था। गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसे मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत (संशोधन) अध्यादेश-2022 के अनुसार अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख को हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत होना जरूरी होगा और निर्वाचन के दो वर्ष बाद ही उन्हें हटाया जा सकेगा।

दरअसल, उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम-1916 की धारा-15 में संशोधन किया गया है। इसमें उपधारा-11 में शब्द आधे से अधिक के स्थान पर दो तिहाई कर दिया गया है। उपधारा-13 में शब्द एक वर्ष के स्थान पर दो वर्ष कर दिया गया है।

अब तक अविश्वास प्रस्ताव के लिए समय सीमा या संख्या बल की स्थिति अस्पष्ट

मौजूदा समय जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए न तो कोई समय सीमा है और न ही संख्या बल की स्थिति स्पष्ट है। इसके चलते मनमाने तरीके से इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विवाद की स्थिति तो पैदा होती रहती है। इसके साथ ही विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं। इसीलिए उच्च स्तर पर सहमति बनने के बाद पंचायती राज विभाग ने इसके लिए समय सीमा तय कराने संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा था।

अखिलेश सरकार के दौरान 2017 में राज्यपाल ने लौटा दिया था प्रारूप

अखिलेश सरकार के दौरान वर्ष 2016 में भी इसके लिए उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक के प्रारूप को पास करते हुए राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने कुछ माह रखने के बाद वर्ष 2017 में इसे वापस कर दिया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने इसके लिए उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961 की धारा-15 और 18 में संशोधन करने का निर्णय किया था। इसके साथ ही कैबिनेट ने अखिलेश सरकार के कार्यकाल में विधानमंडल से पारित हुए उप्र क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक-2016 को वापस लेने का निर्णय भी किया था। उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 15 व धारा 28 में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराया गया था।

अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के खिलाफ दो वर्ष से पहले आने वाले अविश्वास प्रस्ताव को अवैध माना जाएगा। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पहले दो तिहाई बहुत की स्थिति पहले स्पष्ट करनी होगी। इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव पर विचार होगा।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code