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पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, केस बंद करने के बाद कहा – निचली अदालत जाइए

पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, केस बंद करने के बाद कहा – निचली अदालत जाइए

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नई दिल्ली, 4 मई। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे देश की नामी गिरामी पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा, जब गुरुवार को शीर्ष अदालत ने उनके केस को अपने पास से बंद कर दिया और उन्हें हाई कोर्ट या निचली अदालत जाने के निर्देश दे दिए।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने साफ तौर पर कहा कि एफआईआर हो चुकी है, जिसके लिए याचिका दाखिल की गई थी। अब न्याय के लिए मजिस्ट्रेट या उच्च न्यायालय का विकल्प खुला हुआ है।

यौन उत्पीड़न से जुड़ा मामला

दरअसल, डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वालीं सात महिला पहलवानों ने सीलबंद कवर में हलफनामा दाखिल करने की मांग को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं। इस याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद करने का फैसला किया। महिला पहलवानों के वकील ने बुधवार को सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायाधीश पी.एस. नरसिम्हा की पीठ के सामने मसला रखा था।

देश के सामने रोए पहलवान

धरने के बीच ही बुधवार (3 मई) को मध्यरात्रि के आसपास पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच उस समय हाथापाई हो गई थी, जब पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल पर फोल्डिंग बेड लाने की अनुमति नहीं दी। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि नशे में धुत पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन में शामिल दो पहलवानों पर हमला किया और उनके सहयोगियों ने उन्हें रोकने के लिए कुछ नहीं किया। स्टार पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक घटनास्थल पर ही फूट-फूट कर रोने लगीं और स्थिति पर निराशा व्यक्त की। कुश्ती में भारत के लिए एक से अधिक पदक विजेता फोगाट ने कर्मियों पर सभी को धक्का देने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे घटनास्थल पर महिला पुलिस अधिकारियों की कमी पर भी सवाल उठाया।

स्वाति मालीवाल ने की पहलवानों से मुलाकात

इस बीच दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पहलवानों व दिल्ली पुलिस के बीच झड़प की खबर सुनने के बाद आज दिन में जंतर-मंतर पहुंचीं और पहलवानों से मुलाकात की। बैठक से पहले मालीवाल ने आरोप लगाया था कि उन्हें पहलवानों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

ट्विटर पर उनके द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, उन्हें पुलिसकर्मियों से यह कहते हुए देखा जा सकता है कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं और प्रदर्शनकारियों से मिलना चाहती हैं। उनके ट्वीट के जवाब में नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने ट्वीट किया, ‘डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष को एक अधिकारी द्वारा बैरिकेड पर रोक दिया गया था और फिर तुरंत जाने दिया गया। वह वर्तमान में धरना स्थल पर, अंदर हैं। जंतर-मंतर पर व्यक्तिगत प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है।’

मालीवाल ने बाद में ट्वीट किया, ‘जंतर मंतर पर पहलवानों के साथ बैठी हूं। वह बता रही हैं कि कैसे कल रात शराब के नशे में पुलिस के कुछ अधिकारियों ने उनके साथ बदतमीज़ी की, उनपर हमला किया। सारी शिकायतें लिखकर दिल्ली महिला आयोग इनपर काररवाई करेगा।’

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