
अमेरिका ने रोकी भारत को मिलने वाली 1.82 अरब की मदद, DOGE प्रमुख एलन मस्क ने की कटौती की घोषणा
वॉशिंगटन, 16 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से लौटे 48 घंटे भी नहीं बीते कि डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी सरकार अमेरिका ने भारत को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की राशि पर रोक लगा दी है। एलन मस्क के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने रविवार को घोषणा की कि अमेरिका ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बनाए गए 21 मिलियन डॉलर (लगभग 1.82 अरब रुपये) के कार्यक्रम में कटौती करने का फैसला किया है।
भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका देता था यह मदद
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी खर्च में कटौती के लिए एक नया विभाग बनाया है – Department of Government Efficiency (DOGE)। यह विभाग चुन चुनकर अमेरिकी सरकार के खर्च में कटौती कर रहा है। ट्रंप ने टेस्ला के मालिक एलन मस्क को इस विभाग का प्रमुख नियुक्त किया है। एलन मस्क बेहद गंभीरता के साथ दुनियाभर में होने वाले एक एक अमेरिकी खर्चे को चेक कर रहे हैं और उस पर अपनी सरकार की नीतियों के अनुसार फैसला ले रहे हैं।
US taxpayer dollars were going to be spent on the following items, all which have been cancelled:
– $10M for "Mozambique voluntary medical male circumcision"
– $9.7M for UC Berkeley to develop "a cohort of Cambodian youth with enterprise driven skills"
– $2.3M for "strengthening…— Department of Government Efficiency (@DOGE) February 15, 2025
मस्क की अगुआई में चल रहे DOGE ने एक्स पर घोषणा की, ‘अमेरिकी करदाताओं के पैसे निम्नलिखित मदों पर खर्च किए जाने वाले थे, जिनमें से सभी को रद कर दिया गया है।’ एलन मस्क ने बार-बार कहा है कि बजट में कटौती के बिना ‘अमेरिका दिवालिया हो जाएगा’ और यह पहल प्रशासन द्वारा बजट में किए गए व्यापक बदलाव की योजना के अनुरूप दिखती है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय सहायता में व्यापक कटौती का हिस्सा है, जिसका प्रभाव चुनावी प्रक्रियाओं और राजनीतिक स्थिरता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जाने वाली प्रमुख प्रयासों पर पड़ेगा।
बांग्लादेश को तगड़ी चोट, नेपाल भी प्रभावित
एलन मस्क ने बांग्लादेश और नेपाल को भी मिलने वाली तगड़ी मदद पर रोक लगा दी है। बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देने और लोकतांत्रिक शासन को बढ़ाने के लिए अमेरिकी सरकार 29 मिलियन डॉलर की मदद दे रही थी। लेकिन अब इस रकम पर रोक लगा दी गई है।
वहीं नेपाल को वित्तीय फेडरलिज्म के नाम पर अमेरिका 20 मिलियन डॉलर दे रहा था। इस रकम को भी बंद कर दिया गया है। इसके अलावा नेपाल को अमेरिका बायोडाइवर्सिटी संरक्षण की कोशिशों के लिए 19 मिलियन डॉलर दे रहा था। इस पैसे को भी बंद कर दिया गया है।
भाजपा ने दी प्रतिक्रिया
इस बीच भाजपा के अमित मालवीय ने घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘भारत में मतदाताओं की भादीगारी बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर। यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी को नहीं!’
उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने सरकारी बचत में कई अरब डॉलर की राशि खोजने का श्रेय DOGE को दिया। गत 11 फरवरी को पत्रकारों से बातचीत में ट्रम्प ने कहा था, ‘हम कई अरब डॉलर की राशि के बारे में बात कर रहे हैं, जो हम पहले ही खोज चुके हैं। लेकिन आप शायद 500 अरब डॉलर की बात कर रहे हैं, आप जिस संख्या की बात कर रहे हैं, वह निश्चित रूप से बहुत ज्यादा है।’
एलन मस्क के फैसले से प्रभावित अन्य देश
DOGE के फैसले से अब दुनिया के इन देशों को मिलने वाली रकम बंद हो जाएगी।
- मोजाम्बिक – 10 मिलियन डॉलर.
- प्राग – 32 मिलियन डॉलर.
- कंबोडिया – 2.3 मिलियन डॉलर.
- सर्बिया – 14 मिलियन डॉलर.
- लाइबेरिया – 1.5 मिलियन डॉलर.
- दक्षिणी अफ्रीका – 2.5 मिलियन डॉलर.
- माली – 14 मिलियन डॉलर.
- दक्षिणी अफ्रीका – 2.5 मिलियन डॉलर.
- एशिया – 47 मिलियन डॉलर.