
क्रिकेट इतिहास में अनूठा विवाद : पहली बार अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में कोई बल्लेबाज ‘timed out’
नई दिल्ली, 6 नवम्बर। भारत की मेजबानी में जारी आईसीसी एक दिनी क्रिकेट विश्व कप के दौरान सोमवार को ऐसा नाटकीय विवाद देखने को मिला, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के 146 वर्षों के इतिहास में इसके पहले कभी नहीं हुआ था। अरुण जेटली स्टेडियम में बांग्लादेश बनाम श्रीलंका मुकाबले के दौरान उभरा यह विवाद निःसंदेह भद्रजनों के खेल की गरिमा के विपरीत रहा, लेकिन क्रिकेट के नियमों पर गौर करें तो आप उसे गलत भी नहीं ठहरा सकते।
146 वर्षों के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में पहली घटना
दरअसल, मैच में श्रीलंकाई पारी के मध्य में मध्यक्रम बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को मैदानी अम्पायर ने ‘टाइम्ड आउट’ करार दिया। अंतराष्ट्रीय क्रिकेट की बात करें तो टेस्ट क्रिकेट 1877 से खेली जा रही है। इसके बाद वनडे और टी20 इंटरनेशनल फॉर्मेट आया। लेकिन इन तीनों ही फॉर्मेट में 146 वर्षों के इतिहास में पहली बार कोई बल्लेबाज इस तरह से टाइम्ड आउट हुआ है।
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मैथ्यूज की एक गलती उन पर ही पड़ी भारी
यह पूरा मामला श्रीलंकाई पारी के दौरान 25वें ओवर में हुआ। यह ओवर बांग्लादेश टीम के कप्तान और स्पिनर शाकिब अल हसन ने किया था। शाकिब ने दूसरी गेंद पर ही सदीरा समरविक्रमा को कैच आउट कराया। इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज अगले बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर आए। लेकिन इसी दौरान उनसे एक चूक यह हो गई कि वह सही हेलमेट नहीं ला पाए थे।
Dramatic scenes in Delhi with Angelo Mathews becoming the first batter to be timed out in international cricket 👀
Details 👉 https://t.co/F3ouVSKFAf#BANvSL #CWC23 pic.twitter.com/M4KRimgtDZ
— ICC Cricket World Cup (@cricketworldcup) November 6, 2023
मैथ्यूज ने क्रीज पर आकर दूसरा हेलमेट लाने के लिए पैवेलियन की ओर साथी खिलाड़ियों के लिए इशारा किया। लेकिन इसी बीच शाकिब ने मैदानी अम्पायर से ‘टाइम्ड आउट’ की अपील कर दी। वीडियो में देखने से लगा कि पहले तो मैदानी अम्पायर को यह मजाक लगा, लेकिन शाकिब ने समझाया कि वह सच में अपील कर रहे हैं।
तब दोनों मैदानी अम्पायरों ने आपस में बात करके मैथ्यूज को ‘टाइम आउट’ करार दिया। इस तरह श्रीलंकाई टीम ने एक ही गेंद पर दो विकेट गंवा दिए। अम्पायर के फैसले के बाद मैथ्यूज को एक भी गेंद खेले बिना ही निराश होकर मैदान से बाहर जाना पड़ा।
क्या है ‘टाइम्ड आउट‘ नियम?
क्रिकेट खेल के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के नियम 40.1.1 के अनुसार, कोई विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के बाद यदि अम्पायर खेल नहीं रोकता तो आने वाले नए बल्लेबाज को तीन मिनट के अंदर अगली गेंद खेलने के लिए तैयार होना चाहिए। यदि नया बल्लेबाज ऐसा करने में सक्षम नहीं होता है तो उसे आउट करार दिया जाता है। इसे ‘टाइम्ड आउट’ कहते हैं।
40.1.2 के मुताबिक, यदि इस निर्धारित समय (तीन मिनट) में नया बल्लेबाज पिच पर नहीं आता है, तब अम्पायर कानून 16.3 (अम्पायरों द्वारा मैच का पुरस्कार देना) की प्रक्रिया अपनाएंगे। इसके परिणाम स्वरूप ऊपर वाले नियम की तरह ही बल्लेबाज को ‘टाइम्ड आउट’ करार दिया जाएगा।
विश्व कप में 3 की बजाय 2 मिनट का है नियम
मैथ्यूज के मामले में हालांकि ICC क्रिकेट विश्व कप 2023 के खेलने के हालात से जुड़ा नियम लागू हुआ, जिसमें तीन मिनट के समय को घटाकर दो मिनट किया गया है। टाइम्ड आउट होने की स्थिति में यह विकेट गेंदबाज के खाते में नहीं जोड़ा जाता है।
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विश्व कप 2023 के खेलने के हालात संबंधी नियम 40.1.1 के अनुसार, ‘विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के बाद, अगर अंपायर खेल नहीं रोकता है तो आने वाले बल्लेबाज या अन्य बल्लेबाज को विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के दो मिनट के भीतर अगली गेंद का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि यह जरूरत पूरी नहीं होती है तो आने वाले बल्लेबाज को टाउम्ड आउट दिया जाएगा।’
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प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 6 बल्लेबाज हो चुके हैं टाइम्ड आउट
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भले ही ऐसा वाकया पहली बार हुआ है, लेकिन प्रथम श्रेणी में ऐसा पहले भी हो चुका है और छह मौकों पर खिलाड़ी टाइम्ड आउट हो चुके हैं। इनमें भारत के हेमूलाल यादव भी शामिल हैं।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में टाइम्ड आउट होने वाले बल्लेबाज
- एंड्रयू जॉर्डन, ईस्टर्न प्रोविस बनाम ट्रांसवाल (पोर्टएलिजाबेथ 1987-88)।
- हेमूलाल यादव, त्रिपुरा बनाम ओडिशा (कटक, 1997)।
- वीसी ड्रेक्स, बॉर्डर बनाम फ्री स्टेट (ईस्ट लंदन, 2002)।
- एजे हैरिस, नॉटिंघमशायर बनाम डरहम (नॉटिंघम, 2003)।
- रयान ऑस्टिन, विंडवर्ड आइलैंड बनाम कम्बाइंड कैम्पस एंड कॉलेज (सेंट विंसेंट, 2013-14)।
- चार्ल्स कुंजे, माटाबेलेलैंड टस्कर्स बनाम माउंटेनियर्स (बुलावायो, 2017)।
भारत में दूसरी बार हुआ टाइम्ड आउट का मामला
भारतीय जमीन पर टाइम्ड आउट का यह मामला दूसरी बार सामने आया है। इससे पहले फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 20 दिसम्बर,1997 को रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान कटक में ओडिशा के खिलाफ त्रिपुरा के हेमूलाल यादव को ‘टाइम्ड आउट’ दिया गया था। दरअसल, नौवां विकेट गिरने के बाद 11वें नंबर आए हेमूलाल यादव किसी अज्ञात कारण से अपने पैड के साथ नहीं उतरे थे।
शाकिब की खेल भावना पर उठे सवाल
शाकिब के अपील वापस नहीं लेने से हालांकि क्रिकेट भावना को लेकर सवाल भी उठे हैं। इससे पहले 2006-07 में न्यूलैंड्स में एक टेस्ट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन कप्तान ग्रीएम स्मिथ ने महान बल्लेबाज सौरभ गांगुली के खिलाफ ‘टाइम्ड आउट’ की अपील नहीं की थी जबकि वह क्रीज पर देर से पहुंचे थे।
शाकिब बोले – ‘मैंने वही किया, जो मुझे टीम की जीत के लिए करना चाहिए था‘
फिलहाल आज मैच के बाद बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन ने अपनी अपील को जायज ठहराते हुए कहा, ‘मैंने महसूस किया कि मैं युद्ध के मैदान में हूं और मैंने वही किया, जो मुझे टीम की जीत के लिए करना चाहिए था।’