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केंद्रीय कैबिनेट का फैसला : राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 3 वर्ष बढ़ाने को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट का फैसला : राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 3 वर्ष बढ़ाने को मंजूरी

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नई दिल्ली, 19 जनवरी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) का कार्यकाल 31 मार्च से आगे तीन वर्ष के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

58 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी और हाथ से मैला उठाने वाले लोग लाभान्वित होंगे

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से 58 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी और हाथ से मैला उठाने वाले लोग लाभान्वित होंगे।

वर्ष 1993 में की गई गई थी एनसीएसके की स्थापना

गौरतलब है कि 31 मार्च, 2021 तक एम एस अधिनियम सर्वेक्षण के तहत चिह्नित हाथ से मैला ढोने वालों की संख्या 58,098 है। एनसीएसके की स्थापना वर्ष 1993 में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार शुरू में 31 मार्च, 1997 तक की अवधि के लिए की गई थी। बाद में अधिनियम की वैधता को शुरू में 31 मार्च 2002 तक और उसके बाद 29 फरवरी, 2004 तक बढ़ा दिया गया था।

29 फरवरी, 2004 से गैर-सांविधिक संस्था के रूप में बढ़ाया जा रहा कार्यकाल

एनसीएसके अधिनियम 29 फरवरी, 2004 से प्रभावी नहीं रहा। उसके बाद एनसीएसके के कार्यकाल को समय-समय पर प्रस्तावों के माध्यम से एक गैर-सांविधिक संस्था के रूप में बढ़ाया गया है। वर्तमान आयोग का कार्यकाल 31 मार्च, 2022 तक है।

एनसीएसके सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों के संबंध में सरकार को अपनी सिफारिशें देता है, सफाई कर्मचारियों के लिए मौजूदा कल्याण कार्यक्रमों का अध्ययन और मूल्यांकन करता है और विशेष शिकायतों के मामलों की जांच आदि भी करता है।

आयोग को इसके साथ ही  हाथ से मैला ढोने वालों के रूप में रोजगार के निषेध तथा पुनर्वास अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार, अधिनियम के क्रियान्वयन की निगरानी करने, केंद्र एवं राज्य सरकारों को इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाह देने और अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन / गैर-कार्यान्वयन के संबंध में शिकायतों की जांच करने का काम भी सौंपा गया है।

आईआरईडीए में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने एक अन्य निर्णय के तहत भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (आईआरईडीए) में 1,500 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को मंजूरी दी।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि अक्षय ऊर्जा के वित्तपोषण के लिए इरेडा की स्थापना की गई थी। इस फैसले से सालभर में लगभग 10,200 रोजगारों का सृजन तथा लगभग 7.49 मिलियन टन सीओ2/प्रतिवर्ष के बराबर कार्बन डाई-ऑक्‍साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी।

कैबिनेट ने इसके साथ ही निर्दिष्ट ऋण खातों में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना को भी मंजूरी दी।

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