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छत्तीसगढ़: बृजमोहन मंत्री की पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन का विक्रयपत्र रद, कांग्रेस ने घेरा

छत्तीसगढ़: बृजमोहन मंत्री की पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन का विक्रयपत्र रद, कांग्रेस ने घेरा

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रायपुर, 6 मई। छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य के महासमुंद जिले में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन का विक्रय पत्र शून्य होने के आदेश के बाद आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। हाल ही में एक स्थानीय अदालत ने जमीन के विक्रय पत्र को रद्द कर दिया था।

संपर्क करने पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वह रायपुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। अदालत के आदेश का हवाला देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने रविवार को दावा किया कि अग्रवाल ने कथित तौर पर जल संसाधन विभाग से संबंधित संपत्ति को अपनी पत्नी के नाम पर धोखाधड़ी से हासिल किया और वहां एक रिसॉर्ट बनाया। यह भूमि ऐतिहासिक बौद्ध स्थल सिरपुर के निकट तुमगांव तहसील के अंतर्गत जलकी गांव में स्थित है।

महासमुंद जिले में प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज ने 23 अप्रैल के अपने आदेश में संबंधित भूमि के विक्रय पत्र को रद्द कर दिया। आदेश के अनुसार, छह ग्रामीणों ने 1994 में जलकी गांव में अपनी 4.124 हेक्टेयर भूमि जल संसाधन विभाग को एक जलाशय के निर्माण के लिए तत्कालीन मध्य प्रदेश में ‘‘दानपत्र’’ (सार्वजनिक उपयोग के लिए दान) के माध्यम से दान कर दी थी। भूमि का उपयोग कभी भी इस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था।

आदेश के अनुसार, भूमि जल संसाधन विभाग द्वारा अधिग्रहित की गई थी, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में इसका कब्जा नहीं बदला गया और इसका स्वामित्व दानदाताओं के नाम पर ही रहा। बाद में 2009 में मूल मालिक विष्णु साहू और दो अन्य ने यह जमीन रामसागर पारा (रायपुर) के मूल निवासी बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी सरिता अग्रवाल को बेच दी।

बाद में जल संसाधन विभाग ने 2009 की खरीद को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया था। सुनवाई के बाद अदालत ने अपने आदेश में भूमि क्रय के पंजीयन को प्रारंभ (वर्ष 2009 जब भूमि क्रय की गई) से शून्य घोषित कर दिया तथा खरीददार को भूमि का कब्जा वादी (जल संसाधन संभाग, महासमुंद) को सौंपने का निर्देश दिया है। इस संबंध में अदालत के आदेश के बाद बैज ने मंत्री अग्रवाल पर हमला बोला। बैज ने दावा किया, ”(बृजमोहन) अग्रवाल तब मंत्री थे और उन्हें पूरी जानकारी थी कि उनके निर्माणाधीन रिसॉर्ट के आसपास की जमीन जल संसाधन विभाग को दान में दी गई थी।”

कांग्रेस नेता ने जमीन खरीदने और बेचने वाले के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज करने की मांग की है। 2017 में भाजपा शासन के दौरान जमीन का सौदा सामने आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। तब भाजपा सरकार में भी मंत्री अग्रवाल ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था। अग्रवाल ने कहा था कि उन्होंने नियमानुसार राजस्व रिकार्ड के आधार पर किसान से जमीन खरीदी की है। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे (2013 विधानसभा चुनाव के दौरान) में अपनी पत्नी के नाम पर पंजीकृत संपत्ति का उल्लेख किया था।

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