
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने की सुरक्षा परिषद में सुधार की अपील
न्यूयॉर्क , 19 फरवरी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह समय अधिक व्यापक सहमति बनाने का है ताकि संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में विश्वास बना रहे। उन्होंने मंगलवार को वैश्विक शासन में सुधार पर आयोजित एक बैठक में कहा कि सुरक्षा परिषद को बड़ा और आज की जियोस्ट्रैटिजिक वास्तविकताओं के अनुरूप अधिक भागीदारीपूर्ण बनाया जाना चाहिए।
गुटेरेस ने याद दिलाया कि पिछले साल वैश्विक नेताओं द्वारा पारित पैक्ट फॉर द फ्यूचर में भी UNSC सुधार की आवश्यकता को स्वीकार किया गया था। उन्होंने कहा कि अब हमें इस गति को बनाए रखते हुए क्षेत्रीय समूहों और सदस्य देशों के बीच व्यापक सहमति बनानी होगी ताकि सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
हालांकि, यह प्रक्रिया इंटर-गवर्नमेंटल नेगोसिएशंस (IGN) के तहत 16 वर्षों से रुकी हुई है। इसकी वजह यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस (UfC) नामक देशों का एक समूह है जिसकी अगुवाई इटली कर रहा है। इस समूह में पाकिस्तान समेत कई देश शामिल हैं जो कुछ देशों को स्थायी सीट मिलने से रोकना चाहते हैं।
गुटेरेस ने डिजिटल दुनिया का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे पास अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए ‘हार्डवेयर’ मौजूद है लेकिन हमें ‘सॉफ्टवेयर’ को अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह सुधार आज की वास्तविकताओं को दर्शाना चाहिए और विकासशील देशों के साथ अन्याय को दूर करना चाहिए। इस बैठक की अध्यक्षता चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने की। चीन ने सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन किया और अफ्रीकी देशों के लिए विशेष छूट की बात कही। इसका मुख्य कारण यह है कि 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ लंबे समय से मांग कर रहा है कि अफ्रीका को भी स्थायी सीट दी जाए क्योंकि जब सुरक्षा परिषद का गठन हुआ था तब अफ्रीका के अधिकतर देश उपनिवेश थे और उन्हें कोई स्थायी सीट नहीं मिली थी। हालांकि, चीन भारत और जापान को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता देने का विरोध कर रहा है।
अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों को अधिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए : वासिली नेबेन्जिया
सिएरा लियोन की उप विदेश मंत्री फ्रांसिस पियागी अलघाली ने कहा कि अफ्रीका की अनदेखी औपनिवेशिक दौर की राजनीतिक हाशिए पर रखने की नीति का नतीजा है और यह सुधार इस अन्याय को खत्म करने के लिए जरूरी है। रूस के स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेन्जिया ने कहा कि परिषद में अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों को अधिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। वहीं, ब्रिटेन की स्थायी प्रतिनिधि बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि परिषद में सुधार की जरूरत है लेकिन फिलहाल इसे अपने मौजूदा संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है फिलहाल इस पर सहमति नहीं बन पाई है। महासचिव गुटेरेस ने सभी देशों से मिलकर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है ताकि UNSC मौजूदा वैश्विक परिदृश्य का सही प्रतिनिधित्व कर सके।