1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. बिहार में जातीय जनगणना : हाई कोर्ट के फैसले में दखल से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
बिहार में जातीय जनगणना : हाई कोर्ट के फैसले में दखल से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

बिहार में जातीय जनगणना : हाई कोर्ट के फैसले में दखल से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

0
Social Share

नई दिल्ली, 18 मई। बिहार में जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची नीतीश सरकार को मायूसी हाथ लगी, जब शीर्ष अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई दखल देने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘जब यह मसला उच्च न्यायालय में लंबित है तो फिर हम सुनवाई क्यों करें। उच्च न्यायालय में यह केस लंबित है और उन्होंने तीन जुलाई को सुनवाई करने की बात कही है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या हमें इस मामले में दखल देना चाहिए?’

3 जुलाई को हाई कोर्ट इस रिट को नहीं लेगा, तब हम सुनेंगे

जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल ने कहा कि वे इस मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे क्योंकि तीन जुलाई को हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही यह भी कहा, ‘यदि हाई कोर्ट में तीन जुलाई को इस रिट को नहीं लिया जाता है तो फिर हम 14 जुलाई को आपकी अर्जी पर विचार करेंगे।’

बिहार सरकार की अर्जी पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस ओका ने कहा, ‘हमें इस मामले में इस स्तर पर दखल क्यों देना चाहिए। हाई कोर्ट इस मामले में तीन जुलाई को सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने प्रथम दृष्ट्या कुछ बातें कही हैं। हम यह नहीं कह रहे कि हाई कोर्ट की बात से सहमत हैं या फिर हमें दखल देना चाहिए। हम सिर्फ इतना कहते हैं कि आज इस मामले में सुनवाई करना कठिन होगा। हम यह भी नहीं कहते कि इस केस की सुनवाई नहीं करेंगे।’

जस्टिस संजय करोल ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था

इससे पहले बुधवार को बिहार सरकार की यह अर्जी जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल की अदालत में गई थी। लेकिन संजय करोल ने इस केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। उनका कहना था कि वह जब पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे, तब उन्होंने इस मसले की सुनवाई की थी। ऐसे में उनका एक बार फिर से इस मसले पर जुड़ना ठीक नहीं होगा।

बिहार सरकार ने जनकल्याण की नीतियों के लिए सर्वे जरूरी करार दिया

शीर्ष अदालत में बिहार सरकार के वकील श्याम दीवान ने कहा कि बिहार सरकार ने पहले ही अपने संसाधनों को लगाकर जातीय जनगणना शुरू करा दी है। अब इस पर स्टे लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यह सर्वे बेहद जरूरी है ताकि राज्य की ओर से जनकल्याण की नीतियां तैयार हो सकें।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code