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दक्षिण अफ्रीका ने 27 वर्षों बाद जीती आईसीसी ट्रॉफी, गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया WTC फाइनल में चौथे दिन परास्त

दक्षिण अफ्रीका ने 27 वर्षों बाद जीती आईसीसी ट्रॉफी, गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया WTC फाइनल में चौथे दिन परास्त

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लंदन, 14 जून। दक्षिण अफ्रीका ने खुद पर लगे ‘चोकर्स’ का ठप्पा अंततः हटाया और 27 वर्षों का लंबा इंतजार खत्म करते हुए शनिवार को यहां विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के रूप में दूसरी आईसीसी ट्रॉफी जीत ली। ऐतिहासिक लॉर्ड्स ग्राउंड पर डब्ल्यूटीसी फाइनल के चौथे दिन लंच के पहले ही प्रोटियाज ने जीत के लिए जरूरी 69 रन बनाकर गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हरा दिया और इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी व प्रशंसक जश्न में मशगूल हो गए।

हालांकि पहली बार फाइनल खेल रहे दक्षिण अफ्रीका की खिताबी जीत शुक्रवार की शाम ही तय हो गई थी, जब उसने 282 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए तीसरे दिन स्टंप्स तक 56 ओवरों में दो विकेट पर 213 रन बना लिए थे। यानी उसे जीत के लिए 69 रनों की और जरूरत थी। अंततः टेम्बा बावुमा की अगुआई वाली टीम ने आज 83.4 ओवरों में पांच विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।

प्रोटियाज ने 1998 में जीती थी आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी

दक्षिण अफ्रीका ने अपना पिछला आईसीसी खिताब 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के रूप में जीती थी, जो अब चैम्पियंस ट्रॉफी के नाम से जानी जाती है। दिलचस्प यह रहा कि लॉर्ड्स के 141 वर्षों के इतिहास में लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए यह दूसरी सबसे बड़ी जीत है।

WTC  ने अपने तीसरे संस्करण में तीसरा चैम्पियन देखा

डब्ल्यूटीसी की बात करें तो इसने अपने तीसरे संस्करण में तीसरा चैम्पियन देखा। वर्ष 2021 में पहली बार आयोजित पहले चक्र के फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को शिकस्त दी थी। 2023 में भी भारत फाइनल में पहुंचा, जहां उसे ऑस्ट्रेलिया से मात खानी पड़ी और अब कंगारू टीम दक्षिण अफ्रीका के हाथों खिताब गंवा बैठी।

शतकवीर मार्करम व बावुमा के बीच 147 रनों की बहुमूल्य भागीदारी

खैर, दक्षिण अफ्रीकी जीत के असल हीरो शतकवीर सलामी बल्लेबाज एडेन मार्करम (136 रन, 207 गेंद, 383 मिनट, 14 चौके) ही रहे, जिन्होंने कप्तान बावुमा (66 रन, 134 गेंद, 195 मिनट, पांच चौके) के साथ तीसरे विकेट के लिए 147 रनों की बहुमूल्य शतकीय भागीदारी से बाजी पलट दी।

शुरुआती दो दिनों तक पेसरों के वर्चस्व के बाद मार्करम का दिखा पराक्रम

‘प्लेयर ऑफ द मैच’ मार्करम भले ही जीत से चार रनों के फासले पर आउट हो गए, लेकिन उन्होंने ऐसी परिस्थितियों में प्रतापी शतकीय प्रहार से मैच का नक्शा पलट दिया, जहां शुरुआती दो दिनों में पेसरों के वर्चस्व के बीच दोनों टीमों के कुल 28 विकेटों का पतन हो चुका था और एकबारगी लगने लगा था कि मुकाबला तीसरे दिन से आगे नहीं बढ़ेगा। हालांकि मैच का फैसला चौथे दिन पहले ही सत्र में हो गया, लेकिन इसका श्रेय अंत में मार्करम ले उड़े।

वैसे देखा जाए तो ऑस्ट्रेलिया ने चौथे दिन भी पूरा जोर लगाना जारी रखा और कप्तान पैट कमिंस की अगुआई में कंगारू गेंदबाजों ने शुरुआती घंटे में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ली। दिन के तीसरे ही ओवर में जब कमिंस ने कप्तान बावुमा को विकेट के पीछे एलेक्स कैरी से कैच करा खतरनाक भागीदारी तोड़ी तो एकबारगी लगा कि कहीं फिर बल्लेबाजों की लाइन न लग जाए।

लेकिन दिन की शुरुआत 102 रनों से करने वाले मार्करम ने धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए किसी अनहोनी को टाल दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम की बेताबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने शुरुआती 90 मिनट के खेल में अपने तीनों डीआरएस गंवा दिए।

वेडिंघम व काइल वेरेन ने जीत को दिया अंतिम स्पर्श

मार्करम के साथ मिलकर ट्रिस्टन स्टब्स (आठ रन) ने स्कोर 241 तक पहुंचाया, तभी 71वें ओवर में मिचेल स्टार्क (3-66) ने स्टब्स को बोल्ड मारा। नए बल्लेबाज डेविड बेडिंघम (नाबाद 21 रन, 49 गेंद, 62 मिनट, एक चौका) ने मार्करम का साथ निभाया और टीम को जीत की देहरी तक ले गए।

स्कोर कार्ड

जोश हेजलवुड ने 81वें ओवर में मार्करम की पराक्रमी पारी पर विराम लगाया। उस समय दक्षिण अफ्रीका जीत से सिर्फ चार रनों के फासले पर था। अंततः काइल वेरेन (नाबाद चार) ने 84वें ओवर में स्टार्क की चौथी गेंद पर विजयी सिंगल लिया और दक्षिण अफ्रीकी खेमे को जश्न में डूबने का अवसर प्रदान कर दिया।

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