
औरंगजेब विवाद के बीच शिंदे का प्रहार – अमेरिका ने भी लादेन की नहीं बनने दी थी कब्र
मुंबई, 19 मार्च। मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर जारी विवाद के बीच राज्य विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के विधान पार्षद (एमएलसी) अनिल परब पर सीधा प्रहार किया और नागपुर में बीते सोमवार को हुई हिंसा के संबंध में मुगल बादशाह औरंगजेब के कथित महिमामंडन पर सवाल उठाया।
उल्लेखनीय है कि विश्व हिन्दू परिषद (VHP) सहित दक्षिणपंथी संगठन औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे हिंसा भड़क उठी। यह अफवाह फैली थी कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय का धर्मग्रंथ जला दिया गया।
इस पूरे प्रकरण पर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद ने मंगलवर को सदन में कहा, ‘औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उसका महिमामंडन क्यों होने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है। मुगल बादशाह ने मराठा शासक छत्रपति संभाजीराजे को इस्लाम धर्म अपनाने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, जिसकी वजह से उन्हें प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया।’
शिंदे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शासन की तुलना औरंगजेब के शासन से किये जाने की भी आलोचना की और सवाल किया, ‘क्या फडणवीस ने कभी किसी को उस तरह प्रताड़ित किया है, जिस तरह औरंगजेब ने अपने दुश्मनों को किया था?’
इसके बाद शिंदे ने परब की ओर मुड़कर पूछा कि क्या मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रताड़ित किया है? इस टिप्पणी से नाराज परब अपनी सीट पर खड़े हो गए और आसन से जवाब देने की अनुमति मांगी। हालांकि विधानपरिषद के सभापति राम शिंदे ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी और उनका माइक्रोफोन बंद रखा गया। इसके बावजूद परब ने नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, सचिन परब और अन्य विधायकों के साथ विरोध में खड़े होकर शिंदे के बयान का जवाब देने की अनुमति मांगी, लेकिन उनमें से किसी को भी बोलने की अनुमति नहीं दी गई।
यह कांग्रेस ही थी, जिसने औरंगजेब की कब्र को सुरक्षा प्रदान की थी
इस बीच शिंदे ने अपना संबोधन जारी रखते हुए कहा, ‘अनिल परब को यह नहीं भूलना चाहिए कि मैंने जो कुछ भी किया, खुलेआम किया और मैंने यह शिवसेना को औरंगजेब (कांग्रेस) से सहानुभूति रखने वालों से बचाने के लिए किया। यह कांग्रेस ही थी, जिसने औरंगजेब की कब्र को सुरक्षा प्रदान की थी।’
लादेन का महिमामंडन रोकने के लिए ही उसे समुद्र में दफन किया गया था
परब के इस आरोप का जिक्र करते हुए कि शिंदे ने केंद्रीय एजेंसियों के डर से महा विकास आघाडी (एमवीए) छोड़ कर भाजपा से गठजोड़ किया था, उप मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, ‘यहां तक कि अमेरिका ने भी ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद यह सुनिश्चित किया था कि उसे जमीन पर न दफनाया जाए। उसने किसी भी तरह के महिमामंडन को रोकने के लिए ही उसे समुद्र में दफन किया था।’