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संसद की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा से निलंबन रद किया

संसद की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा से निलंबन रद किया

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नई दिल्ली, 30 अगस्त। संसद की विशेषाधिकार समिति ने बुधवार को कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा से निलंबन रद कर दिया। इससे पहले आज ही विशेषाधिकार समिति ने चौधरी का निलंबन रद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। चौधरी को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान उनकी कुछ टिप्पणियों के कारण निलंबित किया गया था।

चौधरी ने विशेषाधिकार समिति के सामने रखा अपना पक्ष

कांग्रेस सांसद चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सिंह की अध्यक्षता वाली समिति को बताया कि उनका किसी की भावना को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि वह किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहते थे और अगर किसी की भावना आहत हुई हैं तो वह खेद प्रकट करते हैं। चौधरी के अपना पक्ष रखने के बाद समिति ने सदन की कार्यवाही से उनका निलंबन निरस्त करने की सिफारिश संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।

समिति ने आम राय से चौधरी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था

इस मामले पर विशेषाधिकार समिति ने 18 अगस्त को विचार किया था। सूत्रों ने बताया कि 18 अगस्त को हुई बैठक में एक आम राय बनी थी कि स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत उन्हें (अधीर रंजन चौधरी) अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। कुछ सदस्यों ने यह विचार भी व्यक्त किया था कि (मॉनसून) सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करके सदस्य को पहले ही दंडित किया जा चुका है और ऐसे में दोबारा उन्हें दंड देने का कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद समिति ने सांसद (अधीर रंजन चौधरी) को मौखिक साक्ष्य के लिए 30 अगस्त को बुलाने का निर्णय किया था।

पीएम मोदी पर टिप्पणियों के कारण निलंबित किए गए थे कांग्रेस सांसद

गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न संसद के मॉनसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी थी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे। प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी के सदन की कार्यवाही से निलंबित रहने की बात कही गई थी।

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