संत कबीर का जीवन मानवीय गुणों का प्रतिमान और उनकी शिक्षा 650 वर्ष बाद भी प्रासंगिक : राष्ट्रपति कोविंद
संत कबीर नगर, 5 जून। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है है कि संत कबीर का जीवन मानवीय गुणों का प्रतिमान है और उनकी शिक्षा आज 650 वर्ष बाद भी प्रासंगिक है। रविवार को यहां संत कबीर अकादमी और अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने ये बातें कहीं।
भक्ति आंदोलन के महान कवि संत कबीर के जीवन को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक करार देते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कबीर समाज के पिछडे वर्गों के प्रति सद्भाव को ही मनुष्यता की सच्ची सेवा मानते थे।
कबीर के संदेशों ने बिखरे समाज के हृदय को आंदोलित किया
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कबीर ने औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, लेकिन संतों की संगति में उन्होंने अपने अनुभवों से ज्ञान प्राप्त किया और उनके संदेशों ने बिखरे समाज के हृदय को आंदोलित किया। कबीर ने उस समय प्रेम, समर्पण और सौहार्द का संदेश दिया, जब भारत विदेशी हमलावरों से आक्रांत था।
President Ram Nath Kovind paid tributes to Sant Kabir and inaugurated Sant Kabir Academy and Research Centre and Swadesh Darshan Yojana at Kabir Chaura Dham, Maghar, Uttar Pradesh.
Details: https://t.co/pbwkY260BT pic.twitter.com/viOwfA65gz
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 5, 2022
राष्ट्रपति ने कहा कि जब समाज जात-पात और धर्म के नाम पर बंटा था, उस समय समाज को जागरूक करना जरूरी था। ऐसे वक्त कबीर ने स्थानीय बोली में सीधे लोगों से संवाद किया। उनकी आस्था थी कि ईश्वर मनुष्य में ही बसते हैं।
इसके पहले राष्ट्रपति कोविंद ने संत कबीर नगर के मगहर में संत कबीर के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने संत कबीर की मजार पर भी चादर चढ़ाई और कबीरचौरा धाम परिसर में पौधा लगाया। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।