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पीएम मोदी बिहार में बोले – कर्मचारी ही क्यों, अब भ्रष्टाचारी नेताओं की भी कुर्सी जाएगी

पीएम मोदी बिहार में बोले – कर्मचारी ही क्यों, अब भ्रष्टाचारी नेताओं की भी कुर्सी जाएगी

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गयाजी, 22 अगस्त। बिहार के गयाजी में शुक्रवार को 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचारी पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल पर पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त की और एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि सिर्फ कर्मचारी ही क्यों, वरन अब भ्रष्टाचारी नेता भी जेल भी जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी।

ये कैसे संभव है कि एक सीएम या मंत्री जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पाए?

पीएम मोदी ने जेल में लगातार 30 दिन रहने की सूरत में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने वाले विधेयक का जमकर बचाव करते कहा कि राजेंद्र प्रसाद और बाबा साहेब आंबडेकर ने सोचा नहीं होगा कि जेल जाने के बाद भी नेता कुर्सी से चिपके रहेंगे। उन्होंने कहा – ये कैसे हो सकता है कि एक सरकारी कर्मचारी जेल जाने पर सस्पेंड हो जाए, लेकिन एक मुख्यमंत्री या मंत्री जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पाए।

उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र के दौरान गत 20 अगस्त को लोकसभा में एक संविधान संशोधन बिल पेश किया है, जो यदि पास हो गया तो पीएम, सीएम या मंत्री जेल में रहने की हालत में 31वें दिन खुद ही पद से हटा दिए जाएंगे। विपक्ष के विरोध के बीच Constitution (130th Amendment) Bill को संयुक्त समिति को भेजा गया है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार इस कानून के जरिए एजेंसियों की मदद से विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री को फर्जी मुकदमों में जेल भेजेगी और फिर पद से हटा देगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा – ‘आज कानून है कि अगर किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रख दिया तो अपने आप वो सस्पेंड हो जाता है। लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, कोई मंत्री है, कोई प्रधानमंत्री है, वो जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है। ये कैसे हो सकता है। हमने कुछ समय पहले देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे। जेल से ही सरकारी आदेश निकाले जा रहे थे। नेताओं का यही रवैया रहेगा तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई कैसे लड़ी जा सकेगी।’

संविधान हर जनप्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है

पीएम मोदी ने आगे कहा – ‘संविधान हर जनप्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है। हम संविधान की मर्यादा तार-तार होते नहीं देख सकते। इसलिए एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी है। इस कानून में मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। जब यह कानून बन जाएगा, प्रधानमंत्री हो या कोई मुख्यमंत्री, या फिर कोई मंत्री, गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी। यदि जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।’

राजद वाले, कांग्रेस वाले, लेफ्ट वाले इसलिए विधेयक का विरोध कर रहे…

पीएम मोदी ने इस विधेयक पर विपक्षी दलों के विरोध का जवाब देते हुए कहा – ‘राजद वाले, कांग्रेस वाले, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। वे बहुत गुस्से में हैं। कौन नहीं जानता कि उन्हें किस बात का डर है। जिसने पाप किया होता है, वो अपने पापों को छुपाता है, लेकिन खुद जानता है क्या खेल किया है। कोई बेल पर बाहर है। कोई रेल के खेल में अदालत के चक्कर लगा रहा है। जो जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वो आज इस कानन का विरोध कर रहे हैं। इन्हें लगता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसलिए ये सुबह-शाम मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इतने बौखलाए हुए हैं कि जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं।’

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