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असम : पीएम मोदी ने 100वीं जयंती पर भूपेन हजारिका को दी श्रद्धांजलि, जारी किया 100 रुपये का स्मृति सिक्का

असम : पीएम मोदी ने 100वीं जयंती पर भूपेन हजारिका को दी श्रद्धांजलि, जारी किया 100 रुपये का स्मृति सिक्का

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गुवाहाटी, 13 सितम्बर। पूर्वोत्तर के तीन सहित कुल पांच राज्यों के तीन दिवसीय तूफानी दौरे पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मिजोरम व मणिपुर की यात्रा पूरी कर दोपहर बाद असम पहुंचे। राज्य के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन गुवाहाटी में पीएम मोदी ‘भारत रत्न’ भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती आयोजित एक विशेष सभा में शामिल हुए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ महान गायक की स्मृति में 100 रुपये का सिक्का भी जारी किया।

गुवाहाटी में रोड शो भी किया

आयोजन स्थल पर पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने गुवाहाटी में एक रोड भी शो किया। सड़क के दोनों ओर लंबी कतारों में खड़े लोग प्रधानमंत्री के काफिले का उत्साहवर्धन कर रहे थे और हाथ हिला रहे थे। लोगों ने फूल बरसाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

भूपेन दा के गीत भारत को एकता के सूत्र में पिरोते हैं : पीएम मोदी

हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘भारत रत्न’ से अलंकृत भूपेन हजारिका के गीत आज भी भारत को एकजुट करते हैं और लोगों में ऊर्जा का संचार करते हैं। उनका संगीत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को समाहित करता है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भूपेन दा भले ही शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज लोगों को ऊर्जा देती है। उनके गीत भारत को एकता के सूत्र में पिरोते हैं। उनका संगीत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को समेटे हुए है। वह भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में रचे-बसे थे।

उन्होंने कहा, “आज का दिन अद्भुत है और ये पल अनमोल हैं..जो दृश्य यहां मैंने देखा, जो उत्साह और तालमेल मुझे दिखा, भूपेन संगीत की जो लय दिखी, यदि मैं भूपेन दा के शब्दों में ही कहूं, तो मन में बार-बार आ रहा था.. ‘ समय ओ धीरे चलो, समय ओ धीरे चलो’।”

भूपेन हजारिका को भारत रत्न पूरे पूर्वोत्तर के लिए सम्मान की बात

पीएम मोदी ने कहा कि भूपेन दा भारत की एकता और अखंडता के महान नायक थे। दशकों पहले, जब नॉर्थ ईस्ट उपेक्षा का शिकार था, नॉर्थ ईस्ट को हिंसा और अलगाववाद की आग में जलने के लिए छोड़ दिया गया था, तब भूपेन दा उस मुश्किल समय में भी भारत की एकता को ही आवाज देते रहे। हजारिका ने उस समय एकजुट पूर्वोत्तर के लिए आवाज उठाई, जब क्षेत्र में हिंसा का दौर चरम पर था। भूपेन हजारिका को भारत रत्न से अंलकृत किया जाना पूरे पूर्वोत्तर के लिए सम्मान की बात है।

उन्होंने जिन आदर्शों को जिया, वही अपने गीतों में भी गाया

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भूपेन हजारिका जी ने जीवन पर्यंत संगीत की सेवा की। संगीत जब साधना बनता है तो वो हमारी आत्मा को छूता है और संगीत जब संकल्प बनता है तो वो समाज को नई दिशा दिखाने का माध्यम बन जाता है। भूपेन दा का संगीत इसलिए ही इतना विशेष था। उन्होंने जिन आदर्शों को जिया, जो अनुभव किया, वही अपने गीतों में भी गाया।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने महान गायक के जीवन पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने हजारिका की याद में 100 रुपये का विशेष सिक्का भी जारी किया। उन्होंने कहा, मैं असम में भूपेन हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।’

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