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पीएम मोदी ने रक्षा मंत्रालय के दो परिसरों का किया उद्घाटन, आलोचकों पर निशाना भी साधा

पीएम मोदी ने रक्षा मंत्रालय के दो परिसरों का किया उद्घाटन, आलोचकों पर निशाना भी साधा

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नई दिल्ली, 16 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू इलाकों में दो रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आलोचकों पर निशाना भी साधा।

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे इन प्रोजेक्ट पर बिल्कुल चुप रहते थे जबकि ये भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं। जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, वह 2014 के बाद शुरू हुआ था।

पांच गुना कम भूमि में बनकर तैयार हुए ये दफ्तर

उन्होंने कहा कि ये नए दफ्तर 11 एकड़ भूमि में बने हैं। पहले के दफ्तरों के मुकाबले 5 गुना कम भूमि में ये बनकर तैयार हो गए। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार में काम समय सीमा से पहले हो रहा। वरना सरकारी कामों में लंबा वक्त लगता है। माना जाता है कि 6-7 महीने की देरी होती है तो कोई बात नहीं।’

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वेबसाइट भी लॉन्च

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए जिससे केंद्र में लोक, जनता हो। सेंट्रल विस्टा के मूल में यही भावना है। उन्होंने इसे नए भारत की तरफ बढ़ता कदम बताया और कहा कि ये नए ऑफिस रक्षा मंत्रालय को ज्यादा मजबूत करेंगे। पुराने दफ्तर काफी पुराने थे, जिनकी सिर्फ हल्की-फुलकी मरम्मत हो जाती थी। इस दौरान पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वेबसाइट को भी लॉन्च किया।

जर्जर हो चुके थे पुराने ऑफिस : राजनाथ सिंह

पीएम के पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। राजनाथ ने बताया कि मौजूदा ऑफिस जिस जगह हैं, वे एक शताब्दी से ज्यादा पुराने हैं, जिनका बदला जाना जरूरी था। ये बिल्डिंग्स जर्जर हो गई थीं, इसलिए नए ऑफिस जरूरी थे।

इस अवसर पर राजनाथ व हरदीप पुरी के अलावा रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत (सीडीएस) और सशस्त्र बलों के प्रमुख भी शामिल रहे।

नए रक्षा कार्यालय परिसरों में लगभग 7 हजार अधिकारी काम कर सकते हैं

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के लगभग 7,000 अधिकारी काम कर सकते हैं। ये भवन आधुनिक होने के साथ-साथ सुरक्षित भी हैं। भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जो दोनों भवनों की सुरक्षा और निगरानी करेगा।

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