
नई दिल्ली, 14 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत के 52वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को बधाई देने के साथ उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर में लिखा, ‘भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। उन्हें उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।’
Attended the swearing in ceremony of Justice Bhushan Ramkrishna Gavai as the Chief Justice of the Supreme Court of India. Wishing him the very best for his tenure. pic.twitter.com/xzJhsQsRAa
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2025
इसके पूर्व दिन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में जस्टिस बीआर गवई को भारत के 52वें सीजेआई के रूप में शपथ दिलाई। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स अकाउंट पर तस्वीर भी शेयर की। राष्ट्रपति मुर्मु ने एक्स पर लिखा, ‘न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने राष्ट्रपति भवन में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।’
Shri Justice Bhushan Ramkrishna Gavai sworn in as the Chief Justice of the Supreme Court of India at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/yo9qpCjNRK
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 14, 2025
इसके अलावा, उप राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज राष्ट्रपति भवन में भारत के 52वें माननीय मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे।’
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar at the swearing-in ceremony of Shri Justice Bhushan Ramkrishna Gavai Ji as the 52nd Hon’ble Chief Justice of India at Rashtrapati Bhavan today.@rashtrapatibhvn @narendramodi @arjunrammeghwal pic.twitter.com/GbIHO8qaiE
— Vice-President of India (@VPIndia) May 14, 2025
एक दिन पहले खत्म हुआ पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना का कार्यकाल
गौरतलब है कि पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना का कार्यकाल मंगलवार, 13 मई को खत्म हो गया। उनका कार्यकाल सिर्फ सात महीने का ही था। 64 वर्षीय जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित प्रधान न्यायाधीश हैं। उनसे पहले जस्टिस के. जी. बालाकृष्णन इस पद पर आसीन रहे थे। जस्टिस बालाकृष्णन वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे।
LIVE: Swearing-in-Ceremony of the Chief Justice of India Shri Justice Bhushan Ramkrishna Gavai at Rashtrapati Bhavan https://t.co/KSRP8wDqpz
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 14, 2025
जस्टिस गवई ने 1985 में शुरू की थी वकालत
उच्चतम न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवम्बर, 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ। उन्होंने 16 मार्च, 1985 को वकालत शुरू की और शुरुआत में दिवंगत राजा एस. भोंसले के, जो पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं, साथ कार्य किया। वर्ष 1987 से 1990 तक उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्वतंत्र वकालत की और इसके बाद मुख्य रूप से नागपुर पीठ के समक्ष विभिन्न मामलों की पैरवी करते रहे।