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पीएम मोदी ने बुलाई कैबिनेट की बैठक, 27 वर्षों से अटके महिला आरक्षण सहित अन्य बिलों को दी जा सकती है मंजूरी

पीएम मोदी ने बुलाई कैबिनेट की बैठक, 27 वर्षों से अटके महिला आरक्षण सहित अन्य बिलों को दी जा सकती है मंजूरी

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नई दिल्ली, 18 सितम्बर। संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार की शाम 6.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में संसद के विशेष सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले कुछ बिलों को मंजूरी दी जा सकती है। इस बीच कयास तेज हैं कि सरकार की सूची में महिला आरक्षण विधेयक भी शामिल हो सकता है।

पीयूष गोयल सहित कई मंत्रियों ने पीएम मोदी और शाह से मुलाकात की

सरकार की ओर से हालांकि महिला आरक्षण बिल पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन कयास तेज हैं कि पीएम मोदी एक बार फिर चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं। इस बीच सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और अन्य मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक से पहले मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि 27 वर्षों से अटके महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दिलाकर ही मोदी सरकार चुनाव में उतरना चाहेगी। इसके जरिए उसके लिए आधी आबादी को प्रतिनिधित्व देने का कार्ड चलना आसान हो जाएगा।

कांग्रेस ने जिस तरह से अपनी कार्य समिति की बैठक में सरकार से महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग रख दी है, उससे भी यह चर्चा जोरों पर है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सरकार पहले से महिला आरक्षण बिल की तैयारी में है और उसकी भनक लगने पर ही कांग्रेस ने यह मांग उठाई है। ऐसा इसलिए ताकि बिल पास होने पर पूरा क्रेडिट अकेले भाजपा सरकार को ही न मिल जाए।

लंबे समय से उठती रही है महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की मांग

उल्लेखनीय है कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी के आरक्षण की मांग लंबे समय से उठती रही है, लेकिन पास नहीं हो सका। यूपीए सरकार के दौर में भी यह बिल राज्यसभा से तो पास हुआ था, लेकिन लोकसभा में अटक गया था। ध्यान देने योग्य बात यह है कि महिला आरक्षण का भाजपा और कांग्रेस दोनों ही समर्थन करने का दावा करते रहे हैं, लेकिन आज तक पारित नहीं करा सके।

सपा सहित कुछ अन्य पार्टियां महिला आरक्षण में सब कोटा भी चाहती हैं

महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा एवं विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा जा सकता है। हालांकि समाजवादी पार्टी जैसे कुछ दलों की मांग रही है कि महिला आरक्षण में सब-कोटा भी होना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि महिला कोटे में ओबीसी, एससी, एसटी समाज के लिए अलग से आरक्षण होना चाहिए। इसी मुद्दे पर यूपीए सरकार में भी यह बिल अटक गया था।

खड़गे ने उठाई मांग, अमेरिका और ब्रिटेन तक का दिया उदाहरण

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो संसद में ही कहा कि इस पर अब आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल के लिए हम सभी ने प्रयास किया है। अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप कहेंगे तो फिर वे आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों को मिलाकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14 फीसदी ही है, जबकि विधानसभा में 10 फीसदी है।

खड़गे ने कहा कि 1952 में तो लोकसभा में पांच फीसदी ही महिला सांसद थीं। अमेरिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 28 फीसदी तक चला गया है जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा अब 33 पर्सेंट है। कांग्रेस के अलावा जेडीयू नेता रामनाथ ठाकुर ने भी महिला आरक्षण की मांग की।

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