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पीएम मोदी का पाकिस्तान पर प्रहार, लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में बोले – ‘आतंकवादियों को एक्सपोर्ट करने का काम चल रहा…’

पीएम मोदी का पाकिस्तान पर प्रहार, लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में बोले – ‘आतंकवादियों को एक्सपोर्ट करने का काम चल रहा…’

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नई दिल्ली, 16 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी पाकिस्तान ने करारा प्रहार करते हुए कहा है कि वहां से आतंकवादियों को एक्सपोर्ट करने का काम चल रहा है और दुनिया में कहीं भी कोई आतंकी घटना होती है तो उसके सूत्र कहीं न कहीं पाकिस्तान से जुड़े होते हैं। पीएम मोदी ने अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में ये बाते कहीं।

लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में लगभग तीन घंटे तक हुई बातचीत में पीएम मोदी ने अपने प्रारंभिक जीवन, हिमालय की यात्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और हिन्दू राष्ट्रवाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित कई विषयों पर बात की।

दरअसल, 41 वर्षीय लेक्स फ्रिडमैन एक AI रिसर्च वैज्ञानिक हैं, जो अपने पॉडकास्ट “Lex Fridman Podcast” में मशहूर हस्तियों का इंटरव्यू लेते हैं। X पर पॉडकास्ट को शेयर करते फ्रिडमैन ने कहा कि यह उनके जीवन की सबसे प्रेरक और शक्तिशाली बातचीत और अनुभवों में से एक है।

मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के समर्थन में निहित

पॉडकास्ट में भारत के लोकतंत्र पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘जब मैं दुनिया के नेताओं से हाथ मिलाता हूं तो ऐसा मोदी नहीं बल्कि 1.4 अरब भारतीय करते हैं। मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के समर्थन और देश की प्राचीन संस्कृति व विरासत में निहित है।’

9/11 का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन भी पाक में ही बैठा हुआ था

प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए कहा, ‘एक प्रॉक्सी वॉर चल रहा है और यह कोई विचारधारा नहीं है। आतंकवादियों को एक्सपोर्ट करने का काम चल रहा है। दुनिया में जहां भी कहीं आतंकी हमला होता है, कहीं न कहीं इसके सूत्र पाकिस्तान में अटकते हैं। यहां तक ​​कि 9/11 का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान में ही शरण लेकर बैठा हुआ था।’

शांति प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर गया था

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘दुनिया उनकी आतंकी मानसिकता को पहचान गई है। यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए परेशानी का केंद्र बन चुका है। हमने उनसे लगातार कहा कि इस रास्ते से किसका भला होगा, आप आतंकवाद के रास्ते को छोड़ दीजिए। राज्य प्रायोजित आतंकवाद खत्म होना चाहिए। शांति प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर गया था। मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में भी पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, ताकि हम एक नई शुरुआत कर सकें।’

जब भी हम शांति की बात करते हैं तो दुनिया हमारी बात सुनती है

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के खात्मे के लिए शांति प्रयासों के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, जो भगवान बुद्ध की भूमि है। मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जो महात्मा गांधी की भूमि है। ये वे महान पुरुष हैं, जिनके उपदेश, जिनकी वाणी पूरी तरह से शांति को समर्पित हैं। और इसीलिए, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से हमारी पृष्ठभूमि इतनी मजबूत है कि जब भी हम शांति की बात करते हैं तो दुनिया हमारी बात सुनती है क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है और हम संघर्ष के पक्ष में है ही नहीं।

युद्ध रोकने के लिए मैं पुतिन और जेलेंस्की से बात कर सकता हूं…

उन्होंने कहा, ‘हम सद्भाव का समर्थन करते हैं। न हम प्रकृति के खिलाफ संघर्ष चाहते हैं और न ही राष्ट्रों के बीच में संघर्ष चाहते हैं। हम समन्वय चाहने वाले लोग हैं। उसमें यदि हम कोई भूमिका अदा कर सकते हैं तो हमने निरंतर अदा करने का प्रयास किया है। मेरे रूस के साथ ही घनिष्ट संबंध हैं और यूक्रेन के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं। मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है और मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कहता हूं कि भाई, दुनिया कितनी भी आपके साथ क्यों न खड़ी हो जाए, युद्ध के मैदान में कभी समाधान नहीं निकलेगा। समाधान तभी निकलेगा जब यूक्रेन और रूस दोनों बातचीत की मेज पर आएंगे।

बातचीत की मेज पर आए बिन खत्म नहीं होगा रूस-यूक्रेन युद्ध

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया यूक्रेन साथ बैठकर कितनी भी माथापच्ची कर ले, उससे परिणाम नहीं आते हैं। दोनों पक्षों का होना जरूरी है। दोनों देशों ने खुद तो गवाया ही है, पूरी दुनिया का भी बहुत नुकसान हुआ है। ग्लोबल साउथ को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पूरे विश्व में फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर का संकट रहा है। पूरा विश्व चाहता है जल्दी से जल्दी शांति हो। मैं हमेशा कहता हूं कि मैं न्यूट्रल नहीं हूं। मेरा एक पक्ष है शांति का।’

‘2002 के गुजरात दंगे को लेकर भ्रम फैलाया गया

वर्ष 2002 के गुजरात दंगे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि उसे बहुत बड़ा दंगा बताकर भ्रम फैलाया गया जबकि इससे पहले भी गुजरात में दंगे होते रहते थे। उन्होंने कहा, ‘बेशक, कुछ भी नहीं होना चाहिए, हम भी यही चाहते हैं कि शांति रहे। दूसरा जो ये कहते हैं कि ये बहुत बड़े दंगे थे तो यह भ्रम फैलाया गया है। अगर 2002 से पहले के डेटा देखें तो बता चलता है कि गुजरात में कितने दंगे होते थे। हमेशा कहीं न कहीं कर्फ्यू लगा जाता था। पतंगबाजी या फिर साइकिल की मामूली टक्कर से दंगे हो जाते थे।’

न्यायपालिका ने हमें पूरी तरह निर्दोष पाया

पीएम मोदी ने कहा, ‘2002 से पहले गुजरात में 250 से ज़्यादा बड़े दंगे हुए थे। 1969 में हुए जो दंगे हुए थे, वो करीब छह महीने तक चले थे। तब तो हम दुनिया के चित्र में कहीं थे ही नहीं और इतनी बड़ी घटना एक ऐसा स्पार्किंग प्वॉइंट बन गया कि हिंसा हो गई। लेकिन कोर्ट ने इस मामले को बहुत गहनता से देखा है। उस समय, हमारे राजनीतिक विरोधी सत्ता में थे और स्वाभाविक रूप से वे चाहते थे कि जितने आरोप लगे थे, हमें सजा हो जाए। लेकिन उनके अथक प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने दो बार स्थिति का बारीकी से विश्लेषण किया और अंततः हमें पूरी तरह से निर्दोष पाया।‘

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