नई दिल्ली, 8 फरवरी। फिल्म निर्माता बी.आर. चोपड़ा के लोकप्रिय टीवी सीरियल ‘महाभारत’ में ‘भीम’ की भूमिका निभाने वाले ख्यातिनाम ओलंपियन प्रवीण कुमार सोबती का 74 वर्ष की अवस्था में सोमवार की रात राष्ट्रीय राजधानी में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
पंजाब के सरहाली कलां गांव में छह दिसम्बर, 1947 को जन्में प्रवीण कुमार का अंतिम संस्कार आज पंजाबी बाग स्थित श्मशान घाट पर किया गया। कद्दावर कद काठी वाले छह फुट लंबे प्रवीण कुमार वैसे तो खेल की दुनिया में पहले ही काफी नाम कमा चुके थे। लेकिन महाभारत सीरियल में भीम का किरदार निभाने के बाद तो वह घर-घर लोकप्रिय हो गए थे। उन्हें भीम के किरदार में काफी ज्यादा पसंद किया गया था।
एशियाई खेलों में 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे
अभिनय में अपना करिअर शुरू करने से पहले प्रवीण कुमार तारगोला प्रक्षेप (हैमर थ्रो) और चक्का प्रक्षेप (डिस्कस थ्रो) एथलीट रह चुके थे। उन्होंने 1960 व 70 के दशक में एशियाई खेलों में दो स्वर्ण सहित चार पदक जीते। इस दौरान उन्होंने 1966 के बैंकॉक एशियाड की डिस्कस थ्रो में स्वर्ण व हैमर थ्रो में कांस्य पदक जीते। उन्होंने 1970 के बैंकॉक खेलों की डिस्कस थ्रो में स्वर्ण जीता और फिर 1974 के तेहरान खेलों की इसी स्पर्धा में रजत पदक पर अधिकार किया। इसके अलावा उन्होंने 1968 के मेक्सिको ओलंपिक और 1972 के म्यूनिख ओलंपिक खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।
राष्ट्रमंडल खेलों की तारगोला फेंक स्पर्धा में देश के इकलौते पदक विजेता
वर्ष 1966 के किंग्स्टन राष्ट्रमंडल खेलों की तारगोला फेंक स्पर्धा में रजत के जरिए भारत के पहले और इकलौते पदक विजेता प्रवीण कुमार को खेल में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी भी मिली थी। उन्हें खेल की दुनिया में अर्जुन अवार्ड सहित कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।
प्रवीण ने ऐसे की थी एक्टिंग में शुरुआत
प्रवीण कुमार ने 100 रुपये के शगुन से एक्टिंग में अपनी किस्मत का ताला खोला था। प्रवीण उस वक्त ग्वालियर में बीएसएफ में थे। यहीं उनके मन में करिअर बदलने का विचार आया था। वह दोबारा लाइमलाइट में आने के लिए कोई और काम करना चाहते थे और कुछ समय बाद ही उनका सपना पूरा हो गया, जब उन्हें फिल्म का ऑफर मिला।
‘महाभारत‘ सीरियल के बाद लगभग 50 फिल्में और टीवी शो किए
वर्ष 1988 में ‘महाभारत’ सीरियल करने के बाद उन्होंने लगभग 50 फिल्में और टीवी शो किए। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘युद्ध’, ‘अधिकार’, ‘हुकूमत’, ‘शहंशाह’, ‘घायल’ और ‘आज का अर्जुन’ आदिश शामिल रहीं। उनकी आखिरी फिल्म ‘बर्बरीक’ 2013 में आई थी।
AAP के टिकट पर विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे
हालांकि, प्रवीण ने बाद में एक्टिंग भी छोड़ दी थी और आम आदमी पार्टी (आप) ज्वॉइन कर राजनीति में शामिल हो गए। लेकिन 2013 में वजीरपुर से ‘आप’ के टिकट पर विधानसभा चुनाव में हार के एक वर्ष बाद वह पार्टी छोड़कर भाजपा का हिस्सा बन गए थे। फिलहाल प्रवीण कुमार का आखिरी समय आर्थिक तंगी में गुजर रहा था। उन्होंने सरकार से मदद की गुहार भी लगाई थी।