पटना, 9 अगस्त। बिहार की जनता एक बार फिर बड़े सियासी उलटफेर की साक्षी बनने जा रही है। इस क्रम में जदयू नेता नीतीश ने कुमार आठ वर्षों में दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अपनी सहयोगी भाजपा का साथ छोड़ने के बाद राज्य में राजद व कांग्रेस की अगुआई वाले महागबंधन की नई सरकार का दावा पेश कर दिया है और वह बुधवार को अपराह्न दो बजे राजभवन में आयोजित समारोह में आठवीं बार मुख्यमंत्री पदक की शपथ लेंगे। उनके साथ तेजस्वी यादव भी शपथ लेंगे।
35 मंत्रियों का एक मजबूत मंत्रिमंडल देखने को मिल सकता है
सूत्रों पर भरोसा करें तो नई सरकार में 35 मंत्रियों का एक मजबूत मंत्रिमंडल देखने को मिल सकता है। इसमें जेडीयू और आरजेडी के खाते में 14-14 मंत्रालय जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस को तीन और लेफ्ट को दो मंत्रालय दिए जा सकते हैं। जीतन राम मांझी की पार्टी को भी एक मंत्रालय दिया जा सकता है। हालांकि अब तक मंत्रिमंडल को लेकर कोई औपचारिक एलान नहीं हुआ है, लेकिन नीतीश कुमार ने महागठबंधन के सहयोगियों के साथ मिलकर चर्चा शुरू कर दी है।
तेजस्वी संग राज्यपाल को सौंपी 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी
दरअसल, नीतीश कुमार मंगलवार की शाम कुछ घंटे के अंतराल पर दूसरी बार राजभवन पहुंचे और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ मिलकर राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी सौंपी।
बोले – कुल 7 पार्टियां मिलकर यह सरकार चलाने वाली हैं
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा, ‘हमारे पास 164 विधायकों का समर्थन है। कुल सात पार्टियां मिलकर यह सरकार चलाने वाली हैं। हर कोई साथ मिलकर जनता की सेवा करने वाला है।’
इसके पूर्व तेजी से बदलने राजनीतिक घटनाक्रम के बीच नीतीश दोपहर बाद राजभवन पहुंचे और राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था। उस वक्त उन्होंने 160 विधायकों के समर्थन का दावा किया था।
राबड़ी देवी के आवास पर नीतीश को चुना गया महागठबंधन का नेता
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार सीधे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे थे, जहां उन्हें महागठबंधन का नेता चुन लिया गया और तेजस्वी यादव ने उन्हें राजद के समर्थन वाली चिट्ठी दी।
2017 में महागठबंधन छोड़ने पर अफसोस जताया
महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि अब वह नई शुरुआत करने जा रहे हैं। राबड़ी देवी के घर पर नीतीश ने कहा कि अब बिहार में फिर से साथ में काम किया जाएगा। 2017 में महागठबंधन छोड़ने पर उन्हें भी अफसोस है।
गौरतलब है कि जेडीयू और भाजपा ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। कम सीटें मिलने के बाद भी नीतीश कुमार को भाजपा ने सीएम बनाया था। हालांकि तभी से दोनों दलों के बीच खटपट चली आ रही थी। कई मुद्दों पर दोनों पार्टी के नेता अलग-अलग बयानबाजी भी करते दिखे थे। अंततः नीतीश ने एनडीए से होने का फैसला कर लिया।
नीतीश ने फिर जनता को धोखा दिया – रविशंकर प्रसाद
इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार जनता को धोखा देने का काम करते हैं। इस बार भी जनादेश एनडीए को मिला था, लेकिन नीतीश ने फिर महागठबंधन से हाथ मिलाया। रविशंकर ने इसे विश्वासघात बता दिया है।
संजय जायसवाल बोले – नीतीश ने जनादेश का अपमान किया
वहीं बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी नीतीश कुमार के पाला बदलने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इसे सीधे-सीधे बिहार की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने एनडीए के पक्ष में वोट डाले थे। उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला था, लेकिन नीतीश ने धोखा देकर फिर महागठबंधन से हाथ मिला लिया।