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उत्तर प्रदेश : इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर की दीवारों से भी मिले नोट, 175 करोड़ से ज्यादा नगदी जब्त

उत्तर प्रदेश : इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर की दीवारों से भी मिले नोट, 175 करोड़ से ज्यादा नगदी जब्त

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कानपुर, 25 दिसंबर। महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने यहां समाजवादी इत्र बनाने वाले जिस पीयूष जैन के ठिकानों पर कर चोरी की आशंका में गुरुवार को छापा मारा था, दूसरे दिन शुक्रवार को उसके घर की दीवारों से भी नोट मिले। नोट छिपाने के लिए दीवारों को अलग तरह से बनाया गया था।

कैश गिनने के लिए दूसरे दिन मंगानी पड़ीं 13 और मशीनें

डीजीजीआई अहमदाबाद टीम की इस छापेमारी में शुक्रवार रात तक भी कैश गिनने का सिलसिला जारी रहा। कैश गिनने के लिए दूसरे दिन 13 और मशीनें मंगानी पड़ीं। शुक्रवार रात तक 175 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त की गई है।

पीयूष की आड़ में सपा प्रमुख अखिलेश के खजांची पर निशाना

इस बीच पीयूष जैन के खिलाफ जीएसटी की काररवाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम चर्चाएं शुरू हो गई हैं और कहा जा रहा है कि पीयूष जैन के बहाने सरकार पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी (एसपी) के मुखिया अखिलेश यादव के सबसे करीबी एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन पर दबाव बनाना चाह रही है।

पम्पी जैन को अखिलेश का खचांजी और पीयूष का करीबी माना जाता है

पम्पी जैन को अखिलेश का खचांजी और पीयूष जैन का करीबी माना जाता है। कुछ दिन पहले जिस तरह से एक बड़े कपड़ा व्यापारी समेत अखिलेश के कई करीबियों पर जीएसटी का छापा डालकर दबाव बनाने की कोशिश की गई। उसी कड़ी से पीयूष जैन के यहां हुई काररवाई का जोड़कर देखा जा रहा है। पीयूष जैन की तरह पम्पी जैन का भी बड़ा कारोबार है। कानपुर और कन्नौज में जहां पीयूष जैन के घर हैं, वहीं पम्पी जैन के भी आवास हैं। ऐसे में पम्पी जैन भी चर्चा के घेरे में आ गए हैं।

पम्पी ने ही गुजरात में कराई थी अखिलेश की इन्वेस्टर्स मीट

पम्पी का पुराना राजनीतिक इतिहास रहा है। वह कांग्रेस और बसपा के भी काफी खास रहे हैं। बाद में वह समाजवादी पार्टी से जुड़े और अखिलेश यादव के सबसे विश्वास पात्र लोगों में शामिल हो गए। यह भी बताया जाता है कि पम्पी जैन ही वह बड़े कारोबारी हैं, जिन्होंने अपने संपर्कों के बल पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश के लिए गुजरात में इन्वेस्टर्स मीट कराई थी। उसके बाद से राजनीतिक गलियारे में उनकी धमक और भी बढ़ गई। जिस तरह से अडानी को भाजपा से जोड़कर देखा जाता है, उसी तरह से पम्पी को सपा से जोड़ा जाता है।

पम्पी बोले – मेरा पीयूष जैन से कोई लेना देना नहीं

हालांकि सपा एमएलसी पम्पी जैन ने पीयूष से अपने संबंधों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मेरा पीयूष जैन से कोई लेना देना नहीं है। मीडिया में मेरे कारोबारी ठिकानों को बिना वजह पीयूष जैन का बताया जा रहा है। मेरा मुंबई में और एक्सपोर्ट का भी कारोबार है। यहां पर पीयूष का कुछ नहीं है। उनका सिर्फ कन्नौज और कानपुर तक ही कारोबार सीमित है। मैं चार बार इत्र लांच कर चुका हूं। जिस कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप के बारे में कहा जा रहा है, वह पीयूष का नहीं मेरा है। जैन होने की वजह से मुझे पीयूष का करीबी बताकर निशाने पर लिया जा रहा है। भाजपा के लोग समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।’

एक सांसद व बड़े कारोबारी पर शक

फिलहाल पीयूष जैन के यहां काररवाई के पीछे सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद और एक बड़े कारोबारी का हाथ बताया जा रहा है। इन दोनों का पीयूष जैन और पम्पी जैन से पुरानी कारोबारी तनातनी है। यही वजह है कि ये लोग बीच-बीच में एक दूसरे पर भारी पड़ने की कोशिश करते हैं।

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