मायावती ने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की, बोलीं – दलितों की सुरक्षा में कांग्रेस सरकार पूरी तरह विफल
लखनऊ, 23 मार्च। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को वहां की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हाल में डीडवाना एवं धौलपुर में दलित युवतियों से बलात्कार और अलवर में दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या तथा जोधपुर के पाली में दलित युवक की हत्या ने दलित समाज को झकझोर दिया है।’
2. इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों व आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेसी सरकार पूरी तरह से विफल रही है। अतः यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बी.एस.पी की यह मांग।
— Mayawati (@Mayawati) March 23, 2022
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों एवं आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से विफल रही है। इसलिए यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बसपा की यह मांग है।’
धौलपुर पुलिस का सामूहिक दुष्कर्म की घटना से इनकार
गौरतलब है कि धौलपुर में गत 16 मार्च को हुई घटना की पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि जब वह खेत से लौट रही थी तो कुछ लोगों ने उसे और उसके पति को मारा पीटा था। महिला के पति ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन दो आरोपितों ने पीड़िता के बच्चों के सामने उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। हालांकि, राजस्थान पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि धौलपुर की घटना में 26 साल की विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ, बल्कि आरोपितों ने उससे केवल मारपीट की थी।
वहीं, नागौर जिले के डीडवाना थाना क्षेत्र में फरवरी की शुरुआत में घर से लापता 35 वर्षीया दलित महिला से दो लोगों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था और चार फरवरी की रात उसकी गला घोंटकर हत्या करने का असफल किया था, जिसके बाद उन्होंने महिला को एक सूखे तालाब के पास फेंक दिया था।
पुलिस ने मामले में दोनों आरोपितों के खिलाफ अनुसूचति जाति (एससी)/अनुसूचति जनजाति (एसटी) (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के साथ अपहरण और हत्या के प्रयास का आपराधिक मामला दर्ज किया है तथा महिला की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा को भी शामिल किया है।
इसी क्रम में राज्य के पाली जिले के बाली थाना क्षेत्र में गत 15 मार्च को जितेंद्र पाल नामक दलित युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी और अलवर में भी एक दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या का मामला सामने आया था।