दिल्ली शराब घोटाला केस : केजरीवाल ने SC में दाखिल किया जवाब, बोले – AAP को रिश्वत मिलने के कोई सबूत नहीं
नई दिल्ली, 27 अप्रैल। दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे मुख्यमंत्र अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के आरोपों पर आज अपना जवाब दाखिल कर दिया।
केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा है कि इस बात का कोई सबूत या सामग्री मौजूद नहीं है कि AAP को साउथ ग्रुप से धन या अग्रिम रिश्वत मिली हो। ऐसे में गोवा चुनाव अभियान में उनका उपयोग करना तो दूर की बात है। उन्होंने हलफनामे में लिखा है, ‘AAP के पास एक भी रुपया नहीं आया और इस संबंध में लगाए गए आरोप किसी भी ठोस सबूत से रहित हैं, जो उन्हें बिना किसी पुष्टि के अस्पष्ट और आधारहीन बनाते हैं।’
लगाया आरोप – चारों गवाहों के संबंध भाजपा से हैं
सीएम केजरीवाल ने अपने जवाब में यह भी आरोप लगाया कि ईडी ने जिन चार गवाहों के बयान के आधार पर उनकी (केजरीवाल) गिरफ्तारी की है, उन सभा का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबंध है। उन्होंने कहा कि हवाला एजेंट के पास से गुजराती में लिखी डायरी मिली है, जिसे भाजपा ने अपने हिसाब से सबूत बनाकर पेश किया।
ये हैं चार गवाह, जिनके बयान के आधार पर हुई गिरफ्तारी
केजरीवाल ने जिन चार गवाहों का जिक्र किया है, उनमें भाजपा समर्थित लोकसभा प्रत्याशी मगुंता श्रीनिवासन रेडी, भाजपा को तथाकथित शराब घोटाले में 60 करोड़ का चंदा देने वाले शरथ रेड्डी, भाजपा गोवा के एक सीनियर नेता एवं गोवा सीएम प्रमोद सावंत के करीबी सत्य विजय और गोवा सीएम की करीबी व उनकी कैंपेन मैनेजर शामिल हैं। सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘इन सब लोगों के बयानों के आधार पर मुझे गिरफ्तार किया गया है।’
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था 27 अप्रैल तक का समय
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसी (ईडी) को 24 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। वहीं सीएम केजरीवाल से 27 अप्रैल तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा था। ईडी के हलफनामे में कहा गया था कि केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है। उनके जांच में सहयोग न करने की वजह से उन्हें गिरफ्तार करना जरूरी था।
केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले ईडी की गिरफ्तारी का तरीका और इसकी टाइमिंग केंद्रीय जांच एजेंसी की मनमानी की ओर इशारा करती है। उन्होंने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि उनकी गिरफ्तारी इस बात का उदाहरण है कि कैसे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को कुचलने के लिए ईडी और मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून का दुरुपयोग किया है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव’ के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक जैसा अवसर उपलब्ध कराया जाना बेहद जरूरी है। ऐसे में याचिकाकर्ता की अवैध गिरफ्तारी उचित नहीं है।
21 मार्च को हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल को दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अब तक इस मामले में केजरीवाल को कोई कानूनी राहत नहीं मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट भी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका खारिज कर चुका है। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध नहीं माना जा सकता। हाई कोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।