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JDU का पलटवार : नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाते थे तो राहुल चुप्पी साध लेते थे

JDU का पलटवार : नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाते थे तो राहुल चुप्पी साध लेते थे

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नई दिल्ली, 19 जनवरी। जनता दल (यूनाइटेड) ने जाति आधारित जनगणना के मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘ढोंग’ रचने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) के घटक दलों की बैठकों में इस मामले को उठाते थे, तब कांग्रेस नेता चुप्पी साध लेते थे। पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य की जाति आधारित जनगणना का आंकड़ा क्यों नहीं जारी किया?

दरअसल एक दिन पहले राहुल गांधी ने पटना में एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए जाति आधारित सर्वेक्षण को फर्जी बताया था और देशभर में जाति आधारित जनगणना की वकालत की थी।

इसके बाद जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद संजय झा ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधा है। झा ने कहा, ‘इससे बड़ा पाखंड कुछ और नहीं हो सकता। कई जगहों पर  I.N.D.I.A. के घटक दलों की बैठकों में मैंने गांधी (राहुल) को चुप्पी साधे देखा था जबकि नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना के पक्ष में दृढ़ता से तार्किक बातें बोल रहे थे।’

उल्लेखनीय है कि जद(यू) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने से पहले I.N.D.I.A. में शामिल थी। संयोग से बिहार का जाति आधारित सर्वेक्षण उस समय किया गया और उसके निष्कर्ष जारी किए गए, जब कांग्रेस नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी थी। झा ने कहा कि कुमार एकमात्र नेता थे, जिन्होंने जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाया था और I.N.D.I.A.के घटक दल के सभी सदस्य इसके गवाह हैं।

बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि 1931 में अंतिम बार देशव्यापी जाति आधारित जनगणना हुई थी। इसके बाद से कुमार एकमात्र नेता हैं, जिन्होंने वैज्ञानिक तरीके से विभिन्न जातियों की आबादी की जनगणना करने का फैसला किया।

राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता को ज्यादा स्पष्ट होना चाहिए और लोगों को बताना चाहिए कि क्या उन्हें लगता है कि बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण में कुछ समुदायों की आबादी अधिक और कुछ की कम बताई गई है। कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक में उसकी सरकार कई वर्षों से राज्य में जाति आधारित गनगणना के आंकड़ों को दबाए बैठी है। उन्होंने पूछा कि गांधी ने इसे जारी क्यों नहीं कराया?’

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