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वाराणसी के जगदीश ने रामचरित मानस गाकर रचा इतिहास, पांचवीं बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

वाराणसी के जगदीश ने रामचरित मानस गाकर रचा इतिहास, पांचवीं बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

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वाराणसी, 25 मई। धार्मिक नगरी काशी के रिकार्डधारी डॉ. जगदीश पिल्लई ने श्री रामचरित मानस को 138 घंटे 41 मिनट 20 सेकेंड में गाकर उसे गीत के रूप में संरक्षित कर दिया है। उनके इस कारनामे से अब पूरा विश्व श्री रामचरित मानस को गीत के रूप में सुन सकेगा। इसके साथ ही डॉ. जगदीश पिल्लई का नाम पांचवीं बार गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया।

क्या भारत में नहीं बन सकता रिकार्ड

रिकॉर्डधारी डॉ. जगदीश पिल्लई ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘वर्ष 2016 की बात रही होगी। रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए हमेशा कुछ न कुछ सर्च करता रहता हूं। इसी क्रम में मैंने रिकॉर्ड में सबसे लम्बे गाने के रिकार्ड को सर्च करना शुरू किया क्योंकि गाना गाना मेरा पैशन रहा है। उस दौरान सबसे लम्बे गाने का रिकार्ड 58 घंटे का था, लेकिन वो सिर्फ इंस्ट्रूमेंटल था। इसे देख मेरे दिल में यह बात कौंध गई कि क्या भारत जो संगीत की जननी है, वहां ऐसा रिकार्ड नहीं बन सकता।’

2019 में शुरू हुआ सफर

डॉ. जगदीश ने बताया, ‘इस पर विचार कर मैंने रामायण, महाभारत और श्रीरामचरितमानस में से किसी एक को संगीत में उतारने की सोची, लेकिन भाषा ने मुझे रोका क्योंकि मै केरल का रहने वाला हूं। ऐसे में श्री रामचरित मानस का चयन कर मैंने संस्कृत के विद्वान प्रदीप मिश्रा जी से संपर्क किया और उनसे कुछ दिन ट्रेनिंग लेने के बाद मैंने श्री रामचरित मानस को गाने की शक्ल में उतारना शुरू किया।’

कोरोना काल में रुक गई रिकॉर्डिंग

हालांकि भारत के मान-सम्मान के लिए बनाए जा रहे इस रिकॉर्ड पर कोरोना काल में ब्रेक लग गया। डॉ. जगदीश ने बताया, ‘कोरोना काल में डेढ़ साल यह रिकॉर्डिंग रुकी रही क्योंकि सभी अपने-अपने घरों में बंद थे। बृज इन्क्लेव के उन्नति स्टूडियो के प्रदीप जायसवाल ने इसे एडिट किया है तो ये सभी काम बंद थे, लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी।’

138 घंटे तक कैसे गाया श्री रामचरित मानस

डॉ. जगदीश पिल्लई का कहना है कि यदि कोई श्री रामचरित मानस ऐसे पढ़ेगा तो उसे 60 से 70 घंटे लगेंगे। जिस तरह श्री रामचरित मानस का पाठ करने वाले भी चौपाइयों के बाद आने वाले विश्राम में भजन कीर्तन करते हैं। वैसे ही मैंने भी हर विश्राम में भजन कीर्तन किया है। इसलिए पूरा गीत 138 घंटे 41 मिनट 20 सेकेंड में पूरा हुआ है, जो कि अब गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हो गया है।

बेटों ने किया टेक्निकल सपोर्ट

डॉ. पिल्लई ने इस ऐतिहासिक कार्य में घर के समर्थन का बी जिक्रक किया। उन्होंने बताया, ‘घर में मेरे दो बेटों – कार्तिक और प्रणव ने 138 घंटे में हमेशा मदद की। टेक्निकल सपोर्ट दोनों बेटों का ही रहा। इनमे से एक प्रणव ने ही पूरे 138 घंटे की रिकॉर्डिंग की है, जो कि काफी महत्वपूर्ण चीज है रिकॉर्ड बनाने में। पूरी रिकार्डिंग 63 दिनों और 295 में घंटे में पूरी हुई, जिसे मित्र दीपक जायसवाल ने एडिट किया है।’

दुनिया के सबसे लम्बे ऑफिशियल रिलीज्ड सांग का मिला अवार्ड

जगदीश पिल्लई से पहले यह रिकार्ड यूके के रहने वाले मार्क क्रिस्टोफर ली के नाम था, जिन्होंने 115 घंटे 45 मिनट गाना गया था। उन्होंने एक वाद्य यंत्र बजाकर यह रिकार्ड बनाया था। लेकिन डॉ. जगदीश ने खुद से धुन बनाई और इसे गया है। एक साथ दुनिया के 100 ऑडियो प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज होने के बाद इसे लांगेस्ट ऑफिशियल रिलीज्ड सांग की कैटेगरी में गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में जगह मिली है।

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