डेविस कप : भारत ने लिखा नया अध्याय, सुमित नागल ने स्विट्जरलैंड पर दिलाई ऐतिहासिक जीत
बील (स्विट्जरलैंड), 13 सितम्बर। भारत ने डेविस कप इतिहास में शनिवार यहां नया अध्याय लिखा, जब सुमित नागल ने विश्व ग्रुप एक टाई के पहले उलट एकल रबर में युवा हेनरी बर्नेट को सीधे सेटो में हराकर 3-1 की निर्णायक बढ़त के साथ ही मेहमानों की यूरोपीय दिग्गज स्विट्जरलैंड पर ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की और उन्हें पहली बार डेविस कप क्वालीफायर्स में स्थान दिला दिया।

स्विस टेनिस एरेना के इनडोर हार्ड कोर्ट पर भारत ने दूसरे दिन की शुरुआत की तो उसके पास नागल व नवागंतुक दक्षिणेश्वर सुरेश की प्रभावशाली एकल जीत के बाद 2-0 की अहम बढ़त थी और बचे युगल व दोनों उलट एकल यानी क्वालीफायर में प्रवेश के लिए तीन मैचों में सिर्फ एक जीत की दरकार थी।
बालाजी व बोल्लीपल्ली को युगल में हार का सामना करना पड़ा था
हालांकि दिन की शुरुआत एन श्रीराम बालाजी व ऋत्विक बोल्लीपल्ली की युगल मुकाबले में जैकब पॉल व डोमिनिक स्ट्राइकर के खिलाफ करीबी हार के साथ हुई। दो घंटे 26 मिनट तक खिंचा यह मुकाबला भारत ने 7-6 (3) 4-6 5-7 से गंवाया।
नागल ने बर्नेट पर आसान जीत से सुनिश्चित की यादगार जीत
फिलहाल स्विस टीम ने नागल के खिलाफ महत्वपूर्ण चौथे रबर के लिए जेरोम किम के बजाय जूनियर ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैम्पियन 18 वर्षीय हेनरी बर्नेट को उतारकर एक रणनीतिक बदलाव किया। लेकिन बर्नेट की आक्रामक खेल शैली के कारण कई अनावश्यक गलतियां नागल के लिए लाभकारी साबित हुआ, जिन्होंने 6-1, 6-3 की आसान जीत से भारत की यादगार सफलता सुनिश्चित कर दी।
Tricolour shines bright Switzerland…🇮🇳🎾✅🔥
32 years later, India conquered Europe…🙌#DavisCup pic.twitter.com/sD77TM524p
— All India Tennis Association (@AITA__Tennis) September 13, 2025
विदेश कोर्ट पर 1993 के बाद से किसी यूरोपीय टीम के खिलाफ पहली जीत
वस्तुतः 1993 के डेविस कप क्वार्टर फाइनल में लिएंडर पेस व रमेश कृष्णन की अगुआई में फ्रांस के खिलाफ जीत के बाद से किसी यूरोपीय टीम पर विदेशी कोर्ट पर भारत की यह पहली जीत है। भारत को यूरोपीय टीम के खिलाफ पिछली सफलता 2022 में दिल्ली के ग्रास कोर्ट पर खेले गए घरेलू मुकाबले में डेनमार्क के खिलाफ मिली थी। डेविस कप क्वालीफायर्स का पहला दौर जनवरी 2026 में होना है।
नागल बोले – ‘यहां तक पहुंचने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है’
पिछले वर्ष शीर्ष 100 में रहने के बाद अब शीर्ष 300 में बने रहने के लिए संघर्षरत 290वीं रैंकिग के 28 वर्षीय नागल ने कहा, यह बहुत मायने रखता है। यूरोप में जीत हासिल किए हमें काफी समय हो गया है। यहां तक पहुंचने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है। हमने एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी, मैं इस जीत से बहुत खुश हूं।’
नागल ने कहा, ‘युगल मुकाबला कड़ा था, दोनों टीमों का टेनिस का स्तर बहुत ऊंचा था। मैं इस मैच को खेलने से ज्यादा मैदान के बाहर पसीना बहा रहा था। युवा खिलाड़ी हमेशा मुश्किल होते हैं, आपको नहीं पता होता कि आगे क्या होने वाला है।’
गौरतलब है कि सितम्बर, 2023 में मोरक्को के खिलाफ अपने आखिरी मैच के बाद से यह नागल की डेविस कप प्रतियोगिता में वापसी थी और उनकी मौजूदगी प्रभावशाली साबित हुई। यह जीत कप्तान रोहित राजपाल की 2019 में महेश भूपति से पदभार संभालने के बाद पहली महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो विशेष रूप से विदेशी धरती पर मिली जीत के लिए उल्लेखनीय है।
