पीएम मोदी की उपस्थिति में नैनी सैनी एयरपोर्ट के अधिग्रहण को लेकर ऐतिहासिक समझौता
देहरादून, 9 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रविवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और उत्तराखंड सरकार के बीच पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी एयरपोर्ट के अधिग्रहण के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह ऐतिहासिक समझौता उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में सुगम, सुरक्षित और टिकाऊ हवाई सम्पर्क की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नैनी सैनी एयरपोर्ट का कुल क्षेत्रफल लगभग 70 एकड़ है। यहां का टर्मिनल भवन व्यस्त समय में 40 यात्रियों को सेवा प्रदान करने में सक्षम है। साथ ही, एयरपोर्ट का एप्रन एक समय में दो विमानों (कोड-2बी) को समायोजित करने की सुविधा से सुसज्जित है।
इस अधिग्रहण से एयरपोर्ट के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उन्नयन, परिचालन मानकों का सुव्यवस्थित प्रबंधन और उत्तराखंड की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा। नैनी सैनी एयरपोर्ट का विकास प्रदेश की स्थानीय कला, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र को नया प्रोत्साहन देगा। इससे व्यापार, तीर्थ पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे। इसके साथ ही, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए आयाम सृजित होंगे।
यह समझौता उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगा
इस पहल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुगम्य और टिकाऊ विमानन अवसंरचना के दृष्टिकोण को बल मिलेगा और इस रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में आपदा-प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा। यह समझौता उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।
उत्तराखंड के गठन के रजत जयंती समारोह के अवसर पर विशेष डाक टिकट जारी करते हुए अत्यंत गर्व और आनंद का अनुभव हुआ। pic.twitter.com/Six6VsE0Q1
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2025
पीएम मोदी ने ‘उत्तराखंड रजत जयंती उत्सव’ में भागीदारी की
इसके पूर्व पीएम मोदी रविवार को देहरादून पहुंचे, जहां उन्होंने ‘उत्तराखंड रजत जयंती उत्सव’ में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने एक विशेष डाक टिकट जारी किया। इसके साथ ही, उन्होंने उत्तराखंड की परंपरा और संस्कृति के साथ-साथ उसकी प्रगति को दिखाने वाली कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
उत्तराखंड को 8 हजार करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात दी
उन्होंने उत्तराखंड को आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इनमें 7329.06 करोड़ रुपये की लागत वाली 19 ऐसी योजनाएं थीं, जिनका शिलान्यास किया गया जबकि 931.65 करोड़ रुपए की लागत की 12 योजनाओं का लोकार्पण किया गया।
