दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर हिन्दू सेना ने चिपकाए ‘भारत को धमकाना बंद करो’ पोस्टर, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
नई दिल्ली, 2 अप्रैल। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में शुक्रवार की रात कुछ अराजक तत्वों ने दूतावास के बाहर लगे एक बोर्ड पर ‘भारत को धमकाना बंद करो’ (Stop bullying India) के पोस्टर चिपका दिए। पोस्टर में लिखा गया था, ‘अविश्वसनीय (अमेरिकी राष्ट्रपति) बाइडेन प्रशासन, भारत को धमकाना बंद करो। हमें तुम्हारी जरूरत नहीं है। अमेरिका को चीन के खिलाफ भारत की जरूरत है। हमें अपने सभी अनुशासित और बहादुर भारतीय सशस्त्र बलों पर गर्व है। जय जवान, जय भारत।’
दूतावास के गेट नंबर 7 पर चिपके पोस्टर पर हिन्दू सेना का लोगो
अमेरिकी दूतावास के गेट नंबर 7 के पास साइन बोर्ड पर लगे इस पोस्टर पर हिन्दू सेना का लोगो लगा हुआ था। संगठन ने ट्विटर के जरिए भी इसकी पुष्टि की। हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्त ने दो पोस्टर ट्वीट किए, जिनमें से एक अमेरिकी दूतावास के बाहर चिपका हुआ था जबकि दूसरे में भारतीय अमेरिकियों से ‘लोकतांत्रिक युद्धों’ का समर्थन करना बंद करने का आग्रह किया गया है।
.@POTUS stop threatening india#UkraineRussiaWar pic.twitter.com/m7O0q5mgyY
— Vishnu Gupta🕉 (@VishnuGupta_HS) April 1, 2022
दोषियों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस सर्विलांस का सहारा ले रही
फिलहाल पोस्टर के संबंध में रात करीब 10.15 बजे जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की। पुलिस उपायुक्त अमृता गुगुलोथ ने बताया कि यह एफआईआर दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेक्शन ऑफ प्रॉपर्टी (डीपीडीपी) एक्ट के तहत दर्ज की गई है। दोषियों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस सर्विलांस का सहारा ले रही है।
समझा जाता है कि भारत दौरे पर आए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार दलीप सिंह के बयान के जवाब में कुछ शरारती तत्वों ने इस कृत्य को अंजाम दिया। दलीप सिंह ने गुरुवार को कहा था कि चीन ने कभी भारत में अतिक्रमण किया तो रूस उसके बचाव के लिए खड़ा नहीं होगा।
उन्होंने यह भी कहा था कि रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले देशों को भी गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। अमेरिका नहीं चाहेगा कि भारत के ऊर्जा और दूसरी चीजों के आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़े। हालांकि भारत ने तत्काल अमेरिका को कड़ा जवाब भी दे दिया।
दलीप सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच भारत संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए सभी प्रस्तावों से अनुपस्थित रहा और अब पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बीच रूस से रियायती तेल भी खरीद रहा है।