वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर दी जानकारी – इन खाद्य वस्तुओं पर नहीं लगेगा जीएसटी
नई दिल्ली, 19 जुलाई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर खाद्य वस्तुओं पर लगे जीएसटी को लेकर उठ रहे सवालों पर जवाब दिया है। उन्होंने मंगलवार को उन खाद्य पदार्थों की सूची दी, जिन्हें जीएसटी से छूट दी गई है।
जीएसटी से छूट प्रदत्त चीजों में खुले में बेची जाने वाली खाद्य वस्तु और पहले से पैक या पहले से लेबल न होने वाली खाद्य सामग्री शामिल हैं। इनमें दाल, गेहूं, राई, जई, मक्का, चावल, आटा, सूजी/रवा, बेसन, मुरमुरे और दही/लस्सी जैसी चीजें शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स में जीएसटी पर नई दरों को स्पष्ट किया, जो सोमवार को लागू हुईं। जीएसटी दरों और कीमतों में वृद्धि को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
It must also be noted that items specified below in the list, when sold loose, and not pre-packed or pre-labeled, will not attract any GST. (10/14) pic.twitter.com/NM69RbU13I
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) July 19, 2022
खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय का बचाव किया
सीतारमण ने अपने ट्वीट में खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय का बचाव किया और कहा कि जीएसटी परिषद द्वारा निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया था और जीएसटी परिषद की बैठक में सभी राज्य उपस्थित थे।
जीएसटी पूर्व शासन में राज्य खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे
वित्त मंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर कर लगाया जा रहा है। राज्य जीएसटी पूर्व शासन में खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे। अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की। यूपी ने 700 करोड़ रुपये जुटाए।
Taking this into account, when GST was rolled out, a GST rate of 5% was made applicable on BRANDED cereals, pulses, flour. Later this was amended to tax only such items which were sold under REGISTERED brand or brand on which enforceable right was not foregone by supplier. (3/14)
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) July 19, 2022
उन्होंने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तब ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू की गई थी। बाद में इसमें केवल उन्हीं वस्तुओं पर कर लगाने के लिए संशोधन किया गया, जो पंजीकृत ब्रांड या ब्रांड के तहत बेची गई थीं, जिस पर आपूर्तिकर्ता द्वारा लागू करने योग्य अधिकार नहीं छोड़ा गया था।