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देश के कई हिस्सों में इस्लामिक आतंकी हमले का अलर्ट जारी, हो सकता है फिदायीन अटैक

देश के कई हिस्सों में इस्लामिक आतंकी हमले का अलर्ट जारी, हो सकता है फिदायीन अटैक

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पटना, 19 जुलाई। पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की देश विरोधी गतिविधियों के बीच देश के कई हिस्सों में इस्लामिक आतंकवादियों के हमले का अलर्ट जारी किया गया है। इसमें देश के कई हिस्सों में फिदायीन दस्ते को हमले के लिए तैयार करने का इनपुट मिला है। इस अलर्ट के बाद सभी जिलों में सतर्कता बढ़ाए जाने को कहा गया है। आईबी ने भी बिहार को लेकर अलर्ट जारी किया है।

सीतामढ़ी में युवक पर चाकुओं से हमले के बाद पुलिस मुख्यालय चौकस

इस बीच सीतामढ़ी में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा का वीडियो देख रहे युवक पर चाकूओं से हमला का मामले सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय पूरी तरह चौकस हो गया है। केंद्रीय एजेंसियों से मिले इनपुट को देखते हुए पुलिस मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक की गई। बैठक में आइबी अलर्ट, फुलवारी मॉड्यूल और सीतामढ़ी मामले को लेकर सघन चर्चा हुई।

जांच में खुलासा : पीएफआई के टारगेट पर बिहार का सीमांचल इलाका था

सूत्रों के अनुसार जांच और गिरफ्तार लोगों से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पीएफआई के टारगेट पर बिहार का सीमांचल इलाका था। इस संगठन के लोगों की योजना ब्रेन वाश कर सीमांचल के बेरोजगार व अशिक्षित मुस्लिम युवाओं को पीएफआई से जोड़ने की थी। इन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देनी थी। सूत्रों के अनुसार इस बात का खुलासा रिमांड के दौरान फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज ने किया है।

पूछताछ में उसने यह भी राज उगला है कि पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज, किशनगंज, मधुबनी और दरभंगा में रहने वाले मुस्लिम युवा उनकी प्राथमिकता में शामिल थे। पूछताछ के दौरान बिहार के टेरर मॉड्यूल में तुर्की का टेरर मॉड्यूल से सीधा कनेक्शन सामने आया है।

तुर्की समेत कई मुस्लिम राष्ट्रों से पीएफआई को फंड मुहैया कराया जा रहा

जांच में यह भी पता चला है कि तुर्की समेत कई मुस्लिम राष्ट्रों से पीएफआई को फंड मुहैया कराया जा रहा है। पटना समेत अन्य प्रशिक्षण केंद्रों पर युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए ज्यादातर प्रशिक्षक केरल से आते थे। ऐसे में केरल में पीएफआई की जड़ें काफी गहरी मानी जा रही हैं।

पीएफआई के बिहार महासचिव सनाउल्ला के खिलाफ देश की तमाम एजेंसियां लगी हैं

सूत्रों के अनुसार पकड़े गए पीएफआई के बिहार के महासचिव मोहम्मद सनाउल्ला के खिलाफ अकेले बिहार पुलिस ही नहीं बल्कि देश की तमाम एजेंसियां भी लगी हुई हैं। जांच में यह पता चला है कि ताहिर 2016 से ही ह्वाट्सएप, ईमेल और फेसबुक के जरिए पाकिस्तान में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के संपर्क में था। ताहिर पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन तहरिक ए लब्बैक से जुड़ा है। पाकिस्तान में फैजान नाम का एक व्यक्ति इसके साथ लगातार संपर्क में था।

अतहर के पास नूपुर का फोन नंबर और पता मिलने के बाद केंद्रीय एजेंसियां सतर्क

वहीं, गिरफ्तार अतहर परवेज के मोबाइल फोन से भाजपा की पूर्व प्रवक्‍ता नूपुर शर्मा का फोन नंबर और उनका पता मिलने के बाद सभी केंद्रीय एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। यह जानकारी एनआईए, आईबी और पटना पुलिस की छानबीन में सामने आई है। अतहर परवेज के मोबाइल फोन से नूपुर शर्मा का फोन नंबर और पता मिलने के बाद अब भाजपा की पूर्व प्रवक्‍ता पर हमले की आशंका जताई जाने लगी है।

सूत्रों के अनुसार गजवा-ए-हिन्द ह्वाट्सएप ग्रुप में पाकिस्तान समेत कई देशों के संदिग्धों के शामिल होने के चलते एटीएस जांच में केंद्रीय एजेंसियों से भी मदद लेगी। एटीएस के अधिकारी इस सिलसिले में एनआईए समेत खुफिया एजेंसियों के संपर्क में हैं।

अलकायदा के विशेष निशाने पर गुजरात, यूपी, मुंबई और दिल्ली

खुफिया एजेंसियों के द्वारा जारी इनपुट में कहा गया है कि अलकायदा की ओर से भारतीय उपमहाद्वीप में हमले के लिए दस्ते को भेजा गया है। गुजरात, यूपी, मुंबई और दिल्ली को विशेष निशाने पर रखा गया है। इसके अलावा इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस (आइएसकेपी) ने भी हमले की धमकी दी है। इस संगठन ने भारत के विरुद्ध किसी तरह का कदम नहीं उठाने के लिए तालिबान की आलोचना की है। वहीं भारत में जिहाद के लिए यहां के मुस्लिम युवाओं को भी बरगलाया जा रहा है।

पूर्णिया को पीएफआई अपना मुख्यालय बनाना चाहती थी

सूत्रों की मानें तो पूछताछ करने वाले अधिकारियों के सामने अतहर परवेज ने इस बात का भी खुलासा किया है कि पूर्णिया को पीएफआई अपना हेडक्वार्टर(मुख्यालय) बनाना चाहती थी। वनभाग इलाके में इसके लिए तीन मंजिला बिल्डिंग भी खोज ली गई थी। जिसका किराया 40 हजार रुपया महीना था। यहां हेडक्वार्टर बनाने के पीछे दो मुख्य मकसद था। पहला यह कि यहां से सीमांचल इलाके में अपना कब्जा जमाने में पीएफआई को आसानी होती। दूसरे अगर कुछ गड़बड़ी हुई तो वहां से नेपाल या बांग्लादेश भागने में आसानी होती। इस तरह से एक फुलप्रूफ प्लान के तहत सबकुछ चल रहा था।

दरअसल, पटना पुलिस ने अतहर परवेज और अरमान मलिक को 48 घंटे की रिमांड पर 16 जुलाई को लिया था। रिमांड की मियाद पूरी होने पर 18 जुलाई की शाम दोनों को जेल भेज दिया गया था।

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