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ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने की मांग, वाराणसी कोर्ट में दाखिल अर्जी पर 22 अगस्त को होगी सुनवाई

ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने की मांग, वाराणसी कोर्ट में दाखिल अर्जी पर 22 अगस्त को होगी सुनवाई

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वाराणसी, 17 अगस्त। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादी राखी सिंह की ओर से एक अर्जी दाखिल की गई है, जिसमें श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। गुरुवार को जिला जज की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट में अन्य चारों महिला वादिनियों और काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को अर्जी की प्रति उपलब्ध कराई गई। मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।

परिसर में मौजूद ऐतिहासिक साक्ष्यों को नष्ट करने का मुस्लिम पक्ष पर आरोप

राखी सिंह ने अर्जी में बताया कि मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी प्रदेश सरकार के माध्यम से परिसर में आता-जाता रहता है। मुस्लिम पक्ष वहां मौजूद ऐतिहासिक साक्ष्यों को, जो हिन्दू धर्म से सम्बन्धित है, नष्ट कर रहा है। यह साक्ष्य पूर्व में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान सामने आए हैं। इसकी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जा चुकी है। इसी मामले में न्यायालय ने एएसआई सर्वे के लिए आदेशित किया है।

एएसआई सर्वे रोकने की अर्जी पर भी सुनवाई टली

वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से भी दाखिल अर्जी पर जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। अर्जी में एएसआई सर्वे रोकने की मांग की गई है। मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि एएसआई सर्वे के लिए जरूरी शुल्क न जमा करने के कारण औपचारिकता पूरी नहीं की गई है। लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए।

हिन्दू पक्ष ने कोर्ट के बाहर समझौते का प्रस्ताव किया खारिज

इस बीच हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में अदालत के बाहर समझौता संभव नहीं है।’

विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से कहा, ‘आदेश 23 सीपीसी में, एक स्पष्ट प्रावधान है कि जब तक सभी पक्ष सहमत नहीं होते, तब तक कोई समझौता नहीं हो सकता… जो मुद्दे समाज और देश से संबंधित हैं, उनमें सिर्फ एक व्यक्ति या पार्टी शामिल हो सकती है। अकेले कोई समझौता नहीं कर सकते, भले ही वे ऐसा करना चाहें। इस मामले में अदालत के बाहर समझौता संभव नहीं है।’

विष्णु शंकर जैन बोले – सनातन धर्म किसी मुद्दे पर समझौता नहीं करेगा

इससे पहले दिन में विष्णु शंकर जैन ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था, ‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सनातन धर्मी काशी में भोलेनाथ के एक इंच पर समझौता नहीं करेंगे। यही हो सकता है कि मुसलमानों को माफी मांगनी चाहिए और अपना अवैध कब्जा हटा देना चाहिए।’

विश्व वैदिक सनातन संघ की दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की अपील

जैन की यह टिप्पणी हिन्दू संगठन विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन द्वारा एक खुला पत्र लिखे जाने के बाद आई है, जिसमें उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम पक्षों को आपसी सहमति से विवाद सुलझाने के लिए बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया था।

वहीं मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इस प्रस्ताव पर बैठक में विचार किया जाएगा। इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा, ‘हमें मीडिया के माध्यम से पत्र मिला है। पत्र को समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। समिति के सदस्य जो भी निर्णय लेंगे, वह मान्य होगा।’

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