
कोरोना संक्रमण का फैलाव – सिर्फ 16 दिनों में 23 गुना बढ़े केस, सक्रिय मामलों की संख्या 6000 के पार
नई दिल्ली, 8 जून। देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलाव हो रहे है। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि सिर्फ 16 दिनों में कोविड केस 23 गुना बढ़ चुके हैं। पिछले 24 घंटों में देशभर में कोविड के 378 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल सक्रिय मामलों का आंकड़ा 6000 के पार पहुंच गया है। इन 24 घंटों में कोविड के कारण छह मौतें भी हुई हैं और नौ दिनों के भीतर इस कारण मृतकों की संख्या 58 तक जा पहुंची है।
कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्य केरल
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्य केरल है। केरल के बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक, कोविड का नया वैरिएंट खतरनाक नहीं है।
22 मई को देश में कोविड के 257 केस थे
यदि पिछले 48 घंटे की बात करें, तो देश में कोविड के मामलों में 769 मरीजों की बढ़ोतरी हुई। हालांकि ये सभी मामले काफी हल्के हैं और घरेलू देखभाल के तहत ही मरीज ठीक हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार केवल अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में कोविड का कोई भी सक्रिय मामला नहीं है।
उल्लेखनीय है पिछले माह 22 मई को देश में केवल 257 एक्टिव केस थे, लेकिन मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बाद अब तक संख्या 6133 तक पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने राज्यों को ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इन राज्यों में ज्यादा सक्रिय मामले
- केरल – 1950
- गुजरात – 822
- पश्चिम बंगाल – 693
- दिल्ली – 686
- महाराष्ट्र – 595
डीजीएचएस ने कोरोना की स्थिति पर की समीक्षा बैठक
इसके पहले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में दो और तीन जून को तकनीकी समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं। बैठक में आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आपातकालीन प्रबंधन प्रतिक्रिया (ईएमआर) प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आइडीएसपी) और दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों के प्रतिनिधियों तथा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक कोरोना की वर्तमान स्थिति और तैयारियों का आंकलन करने के लिए आयोजित की गई थी। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य और जिला निगरानी इकाइयां इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर श्वसन बीमारी पर बारीकी से नजर रख रही हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, गंभीर श्वसन बीमारी के मामलों में भर्ती सभी मरीजों के लिए परीक्षण की सिफारिश की जाती है और पॉजीटिव नमूनों को जीनोम सिक्वेंस के लिए भेजा जाता है।