
उद्धव-राज ठाकरे के एक साथ आने पर भाजपा का तंज – यह भाईचारा नहीं, सिर्फ जिहादी…
मुंबई, 5 जुलाई। महाराष्ट्र में लगभग दो दशक के अलगाव के बाद चचेरे ठाकरे बंधुओं – राज और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने के बाद राज्य की राजनीति भी गरमा गई है। इस क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने ठाकरे बंधुओं की संयुक्त रैली पर निशाना साधा और महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने मराठी विजय रैली समाज को विभाजित करने वाला एवं राज्य को कमजोर करने वाला जिहादी व हिन्दू विरोधी करार दिया है।
इनका प्रयास प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या सिमी से अलग नहीं
नितेश राणे मीडिया से बातचीत में ठाकरे भाइयों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हम हिन्दू हैं और मराठी होने पर गर्व भी करते हैं। जिस तरह से जिहादी हमारे समाज को विभाजित करने का प्रयास करते हैं.. ये लोग भी ठीक वैसा ही कर रहे हैं। इनका यह प्रयास प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या सिमी से अलग नहीं है। यह लोग राज्य को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।’
नल बाजार में बंटेंगी मिठाइयां
भाजपा नेता ने ठाकरे बंधुओं पर राज्य को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इन दोनों की बैठक और रैली का उद्देश्य हिन्दुओं और मराठी लोगों की विभाजित करना है। इसकी तुलना हम पीएफआई और सिमी जैसे संगठनों की रैलियों से कर सकते हैं। इस रैली के बाद सबसे ज्यादा नुकसान हिन्दुओं को ही होगा। इसके बाद नल बाजार (मुस्लिम बहुल इलाका) में मिठाइयां बांटी जाएंगी और पटाखे चलेंगे।’
मुनगंटीवार की सलाह – दोनों पार्टियों को विलय पर भी करना चाहिए विचार
फिलहाल एक तरफ नितेश राणे ने ठाकरे बंधुओं की इस रैली को हिन्दू विरोधी करार दिया तो वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सुलह का संकेत दिया। उन्होंने कहा, ‘यदि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आ रहे हैं तो यह अच्छी बात है। उन्हें हमारी शुभकामनाएं हैं। दोनों भाइयों को एक होना चाहिए और एकजुट रहना चाहिए। यदि जरूरी हो तो दोनों पार्टियों को विलय पर भी विचार करना चाहिए।’
तीन भाषा नीति विवाद पर, जिसे अब रद कर दिया गया है, मुनगंटीवार ने कहा, ‘इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया गया था। मुझे अभी तक समझ नहीं आया कि आखिर इस पर गलतफहमी क्यों फैलाई जा रही है।’