1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. बिहार : उपेंद्र कुशवाहा को तगड़ा झटका, जेडीयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष पद से विदाई
बिहार : उपेंद्र कुशवाहा को तगड़ा झटका, जेडीयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष पद से विदाई

बिहार : उपेंद्र कुशवाहा को तगड़ा झटका, जेडीयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष पद से विदाई

0
Social Share

पटना, 6 फरवरी। जनता दल (यूनाइटेड) में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर मचे घमासान के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक और बड़ा दावा करके कुशवाहा की टेंशन और बढ़ा दी है। दरअसल, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर ललन सिंह ने कहा है कि वह पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं। फिलहाल यह पद रिक्त है। पार्टी में केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ है। चुनाव बाद केंद्रीय कमेटी का गठन नहीं हुआ है। कुशवाहा अब केवल एमएलसी हैं। पार्टी में मन से रहते हैं तो फिर संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाए जाएंगे।

जो निर्णय लेना है खुद लें कुशवाहा – नीतीश कुमार

इससे पहले बांका में सीएम नीतीश कुमार ने कुशवाहा पर कहा, ‘वह पार्टी में रहकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें मैंने कई बार मौके दिए। कई बार पार्टी में आए और गए, इसके बावजूद मैंने उन्हें सम्मान दिया। लेकिन बीते दो माह से वह जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, वो किसके इशारे पर हो रही है, आप सब जानते ही हैं।

नीतीश ने भाजपा को ठहराया दोषी

नीतीश ने इस पूरे मामले में भाजपा को दोषी बताते हुए कहा कि अगर कोई किसी का प्रचार इस तरह कर रहा है, तो समझ जाइए, खेल कहां से खेला जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा पर कोई निर्णय लेने के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि वर्तमान में अभी पार्टी उन पर कोई निर्णय नहीं ले रही है। उन्हें जो निर्णय लेना है, वो खुद ही लें।

पटना में कुशवाहा की शक्ति प्रदर्शन की तैयारी

वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने अपने समर्थन में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में 19 और 20 फरवरी को पटना में शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। उन्होंने नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने से नाराज जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया है। जेडीयू में जारी घमासान के बीच अब पार्टी में दो फाड़ होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

मुझे झुनझुना पकड़ा दिया – उपेंद्र कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा था, ‘पार्टी में ऐसा संविधान बनाया गया, जिसमें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष केवल नाम का पद है। इस पद पर बोर्ड अध्यक्ष एक सदस्य तक का मनोनयन नहीं कर सकता। ऐसे में इस पद को देकर मुझे झुनझुना थमा दिया गया। मुझे पार्लियामेंट बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन मुझे अधिकार नहीं दिया गया। उपेंद्र कुशवाहा कोई सरकारी नौकरी नहीं कर रहा है, उपेंद्र कुशवाहा राजनीति कर रहा है। एमएलसी बनना किसी के लिए सरकारी नौकरी नहीं होती है। मैं अगर केंद्रीय मंत्री पद छोड़ सकता हूं तो एमएलसी का भी पद त्याग सकता हूं।’

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code