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कोरोना से लड़ाई : भारत बायोटेक ने 2-18 वर्ष आयु वर्ग पर कोवैक्सीन के बूस्टर डोज के टेस्ट के लिए मांगी मंजूरी

कोरोना से लड़ाई : भारत बायोटेक ने 2-18 वर्ष आयु वर्ग पर कोवैक्सीन के बूस्टर डोज के टेस्ट के लिए मांगी मंजूरी

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नई दिल्ली, 4 मई। कोरोनारोधी टीका कोवैक्सीन की निर्माता हैदराबादी फार्मा कम्पनी भारत बायोटेक ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से दो से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक संबंधी दूसरे/तीसरे चरण के टेस्ट के लिए इजाजत मांगी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कम्पनी ने करीब एक हफ्ते पहले इसके लिए आवेदन किया था। कम्पनी पहले ही दो से 18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के दो डोज का ट्रायल कर चुकी है। हाल में भारत बायोटेक को छह से 12 वर्ष के बच्चों पर दो डोज के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (ईयूए) की अनुमति मिली थी। कम्पनी ने दो से पांच वर्ष के  बच्चों के लिए भी ईयूए की मांग की है। हालांकि एक्सपर्ट कमेटी ने और ज्यादा डेटा की मांग की है।

बूस्टर डोज अभी भारत में सिर्फ वयस्कों के लिए

फिलहाल कोवैक्सीन और कोविशील्ड की एहतियाती या बूस्टर खुराक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के वैसे लोगों को दी जा रही है, जिन्हें दूसरी खुराक लिए हुए नौ महीने पूरे हो चुके हैं। दो से 18 साल के बच्चों पर टेस्ट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली और पटना सहित छह स्थानों पर किया जाएगा।

भारत ने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं तथा अन्य बीमारियों वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके की एहतियाती खुराक इस वर्ष 10 जनवरी से देना शुरू कर दिया था।

अभी कोवैक्सीन की दो डोज 15 से 18 वर्ष के किशोरों को दी जा रही है। वहीं बूस्टर डोज 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी लग रही है। केंद्र सरकार ने गत 10 अप्रैल को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के सभी व्यक्तियों के लिए निजी टीका केंद्रों में एहतियाती खुराक की अनुमति दी थी।

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