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होलिका दहन : शुभ मुहूर्त, भद्रा का समय और पौराणिक मान्यताएं

होलिका दहन : शुभ मुहूर्त, भद्रा का समय और पौराणिक मान्यताएं

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नई दिल्ली, 24 मार्च। हिन्दू धर्म में होली के पर्व का खास महत्व है। इस दिन लोग रंगों से होली खेलते हैं और अबीर-गुलाल लगाने के साथ एक-दूसरे को गले लगाते हैं। साथ ही यह बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है साथ ही।

होली की पूर्व संध्या पर होलिका दहन मुख्य रूप से भक्त प्रह्लाद की याद में किया जाता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा होलिका दहन के दिन सूखी लकड़ियों के ढेर के साथ ही गोबर के उपले या कंडे जलाने की भी प्रथा है।

फिलहाल आज होलिका दहन प्रदोष काल के बाद किया जाएगा क्योंकि पूर्वाह्न 9 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 19 मिनट तक पृथ्वी लोक की भद्रा थी, उसके बाद पाताल लोक की भद्रा रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। उसके बाद कुछ समय के लिए ही होलिका दहन का मुहूर्त है।

गौरतलब है कि जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में होता है तो पृथ्वी लोक की भद्रा यानि अशुभ भद्रा होती है। 24 मार्च को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट तक चन्द्रमा सिंह राशि में रहेंगे, उसके बाद कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। चूंकि अशुभ भद्रा दोपहर में ही खत्म हो जाएगा और होलिका दहन प्रदोष काल के बाद होता है। इसके साथ ही 17 मार्च को शुरू हुआ होलाष्टक आज समाप्त हो जाएंगे, जिसके बाद विवाह आदि सभी शुभ कार्य अब फिर से शुरू हो जाएंगे।

होलिका दहन से जुड़ी मान्यताएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का अत्यंत बलशाली राजा था, जो भगवान में बिल्कुल भी विश्वास नहीं रखता था। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद श्री विष्णु का परम भक्त था। एक दिन हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद से तंग आकर, उसे मारने के लिए अपनी बहन होलिका को प्रहलाद के साथ अग्नि में बैठने को कहा, परन्तु होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त होने के बाद भी वह आग में जल गई और भक्त प्रहलाद बच गया। बुराई पर अच्छाई की इसी जीत के बाद ही होलिका दहन का यह त्यौहार मनाया जाने लगा। होलिका दहन के समय ऐसी परंपरा भी है कि होली का जो डंडा गाडा जाता है, उसे प्रहलाद के प्रतीक स्वरुप होली जलने के बीच में ही निकाल लिया जाता है।

होलिका 2024 दहन का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च 2024 को रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर मध्यरात्रि बाद 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। होलिका दहन की पूजा के लिए कुल समय एक घंटा 14 मिनट तक के लिए मिलेगा।

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