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मुख्यमंत्री पद पर टकराव के बीच  बघेल ने दी राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का न्योता

मुख्यमंत्री पद पर टकराव के बीच  बघेल ने दी राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का न्योता

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रायपुर, 28 अगस्त। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच सीएम पद को लेकर ढाई-ढाई साल पर रोटेशन का झगड़ा एक बार फिर दिल्ली दरबार पहुंचा गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राहुल गांधी ने दिल्ली मिलने बुलाया। शाम चार बजे राहुल के निवास पर भूपेश बघेल की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ साढ़े तीन घंटे की लंबी बैठक हुई।

वहीं इस मामले पर सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व का मानना है कि भूपेश बघेल को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के साथ किये ढाई-ढाई साल पर मुख्यमंत्री बदलने की आपसी समझ का सम्मान करना चाहिए और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

वहीं राहुल गांधी से भूपेश बघेल की मुलाकात करीब ढाई घंटे चली और खास बात ये रही कि इस बैठक में प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं और करीब दो घंटे बाद प्रियंका गांधी ने बैठक के बीच से निकलकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके घर जाकर मुलाकात की और फिर वापस राहुल गांधी के घर भूपेश बघेल के साथ बैठक में शामिल होने आ गईं।

बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली, जिसके बाद बाहर आकर सीएम बघेल ने मीडिया से बात की और कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आकर वहां के विकास कार्यों को देखने का न्योता दिया है। जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ का दौरा करेंग तो मुख्यमंत्री कौन होगा, तब भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आना चाहिए, न्योता उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री ही दिया है।

ढाई-ढाई साल पर मुख्यमंत्री बदलने पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, “मैंने राहुल गांधी जी को अपने मन की बात बता दी है।” इस बीच छत्तीसगढ़ से करीब 55 विधायकों ने कल दिल्ली आकर छत्तीसगढ़ के प्रभारी पी एल पुनिया और संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात की। इन सभी विधायकों ने राहुल गांधी से भी मिलने का भी मांगा है। इन सभी विधायकों के दिल्ली आने को भूपेश बघेल का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव दिल्ली पहुंच गए हैं और सूत्रों के मुताबिक देर शाम उनकी भी बातचीत संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से हुई। देखना दिलचस्प होगा कि भूपेश बघेल की कुर्सी बचती है या नहीं और अगर बघेल मुख्यमंत्री पद पर बने रहते हैं तो मजबूत वरिष्ठ नेता टी एस सिंह देव बगावती तेवर अपनाते हैं या नहीं।

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