खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा की सड़कों पर लगाए नारे – ‘हम कनाडा के मालिक हैं, गोरे लोग वापस जाओ’
ओटावा, 14 नवम्बर। कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत के विरोध में कई बार वीडियो सामने आ चुके हैं। कनाडा में हिन्दू मंदिरों पर हुए हमलों से लेकर देश विरोधी नारों की कई घटनाएं सामने आई है, लेकिन इस बार कनाडा का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है।
दरअसल, कनाडा में खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं ने हाल ही में ब्रिटिश कोलम्बिया के सरे में एक समूह को मार्च करते और नारे लगाते हुए देखा गया, ‘हम कनाडा के मालिक हैं’ और ‘श्वेत लोगों को यूरोप और इजराइल वापस चले जाना चाहिए।’ इस बयानबाजी ने स्थानीय समुदायों, खासकर भारतीय और हिन्दू समूहों के बीच आक्रोश और भय को जन्म दिया है, जो हाल ही में हुई झड़पों के कारण पहले से ही तनाव में हैं।
हिन्दू मंदिर ने वाणिज्य दूतावास कार्यक्रम रद किया
यह भड़काऊ मार्च इस सप्ताह की शुरुआत में हुई एक हाई-प्रोफाइल घटना के बाद हुआ है, जहां ओंटारियो में ब्रैम्पटन त्रिवेणी मंदिर ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के ‘उच्च और आसन्न’ खतरे के कारण भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को रद कर दिया था। मूल रूप से 17 नवम्बर के लिए निर्धारित वाणिज्य दूतावास जीवन प्रमाण पत्र कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय पेंशनभोगियों की सेवा करना था। हालांकि, पील क्षेत्रीय पुलिस की चेतावनी के कारण मंदिर के अधिकारियों ने भक्तों और जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता का हवाला देते हुए इसे रद कर दिया।
Khalistanis march around Surrey BC and claim “we are the owners of Canada” and “white people should go back to Europe and Israel”.
How are we allowing these r*tards to shape our foreign policy? pic.twitter.com/9VmEnrVlGP— Daniel Bordman (@DanielBordmanOG) November 13, 2024
मंदिर के अधिकारियों ने एक बयान में कहा, ‘…ब्रैम्पटन त्रिवेणी मंदिर के भक्तों, समुदाय के आगंतुकों और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें कार्यक्रम रद करने का उचित निर्णय लेना चाहिए। हमें इस बात का गहरा दुख है कि कनाडा के लोग अब कनाडा में हिन्दू मंदिरों में आने में असुरक्षित महसूस करते हैं।’
पील क्षेत्रीय पुलिस का किसी भी प्रत्यक्ष धमकी मिलने से इनकार
वहीं पील क्षेत्रीय पुलिस ने जवाब में स्पष्ट किया कि पूजा स्थलों के खिलाफ कोई विशेष धमकी नहीं मिली है। उन्होंने समुदाय की चिंताओं को स्वीकार किया और लोगों को आश्वस्त करने के लिए धार्मिक स्थलों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई। इसके अतिरिक्त, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे बढ़ते तनाव को कम करने के लिए समुदाय के नेताओं के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं और वाणिज्य दूतावास के कार्यक्रमों को स्थगित करने का सुझाव दिया।
त्रिवेणी मंदिर में हुई घटना गत तीन नवम्बर को इसी तरह की घटना के बाद हुई है, जब खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर में उपस्थित लोगों के साथ मंदिर और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा सह-आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान झड़प की थी। इस चल रही अशांति ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक सक्रियता और समुदाय की सुरक्षा से निपटने के तरीके पर प्रकाश डाला है।
भारत सरकार ने कनाडा में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है। पिछले सप्ताह, भारत के विदेश मंत्रालय ने हिन्दू पूजा स्थलों पर हमलों की निंदा की और कनाडाई अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की। मंत्रालय ने अपनी उम्मीद पर जोर दिया कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों में शामिल लोगों को कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
कनाडा और भारत के बीच ये तनाव पिछले सितम्बर से ही बढ़ रहा है, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत में भारत सरकार की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए इन्हें ‘बेतुका’ करार दिया।
कनाडा के नागरिक निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित किया था। जबकि कनाडाई अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं और समुदाय के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं, वहीं कनाडा और भारत दोनों सरकारों पर खालिस्तानी समर्थक समूहों और अन्य कनाडाई समुदायों के बीच चल रही शत्रुता से उत्पन्न जोखिमों को दूर करने के लिए जनता के दबाव के साथ सख्त काररवाई की मांग बढ़ रही है।