1. Home
  2. धर्म-संस्कृति
  3. भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के एकांतवास के बाद 6 जुलाई को आएंगे बाहर, 7 जुलाई को रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के एकांतवास के बाद 6 जुलाई को आएंगे बाहर, 7 जुलाई को रथ यात्रा

भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के एकांतवास के बाद 6 जुलाई को आएंगे बाहर, 7 जुलाई को रथ यात्रा

0
Social Share

नई दिल्ली, 5 जुलाई। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ 15 दिनों के एकांतवास के बाद शनिवार (6 जुलाई) को बाहर आएंगे। इतने दिनों तक भगवान की प्रतिमा का अलौकिक श्रृंगार किया गया। शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नेत्रदान होगा। फिर प्रभु जगन्नाथ भक्तों को दर्शन देंगे।

6 जुलाई का कार्यक्रम

प्रभु जगन्नाथ के दर्शन के लिए शनिवार को दोपहर दो बजे से भक्तों की भीड़ जुटने लगेगी। शाम 4 बजे नेत्रदान अनुष्ठान शुरू होगा। फिर 108 दीपों से मंगलआरती, जगन्नाथ अष्टकम, गीता के द्वादश अध्याय का पाठ और भगवान की स्तुति की जाएगी। भगवान जगन्नाथ को मालपुआ सहित अन्य मिष्ठानों का भोग लगाया जाएगा। शनिवार को भगवान रात नौ बजे तक दर्शन मंडप में दर्शन देंगे और यहीं रात्रि विश्राम करेंगे।

7 जुलाई को प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा

इसके बाद सात जुलाई को प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। तड़के चार बजे से ही भक्त पूजा करने के लिए कतारबद्ध होने लगेंगे। महिला और पुरुष भक्तों के लिए अलग-अलग कतारें बनाई जाएंगी। दोपहर 2 बजे सभी विग्रहों को बारी-बारी से रथारुढ़ किया जाएगा। रथ के ऊपर सभी विग्रहों का श्रृंगार होगा। विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना होगी। इस अनुष्ठान के बाद विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना में शामिल भक्त रथ पर सवार होकर भगवान को पुष्प अर्पित करेंगे। मंगल आरती होगी। रथ में रस्सा बंधन होगा।

रथयात्रा रविवार शाम पांच बजे शुरू होगी। भक्त रस्सी के सहारे रथ को खींच कर मौसीबाड़ी लाएंगे, जहां महिलाएं भगवान की पूजा करेंगी। शाम सात बजे तक सभी विग्रहों को मौसीबाड़ी में रखा जाएगा। फिर आरती और भोग निवेदन होगा। रात आठ बजे भगवान का पट बंद कर दिया जाएगा, जो अगले दिन सुबह पांच बजे खुलेगा।

8 जुलाई को सुबह 6 बजे होगी मंगल आरती

आठ जुलाई को सुबह छह बजे मंगल आरती व बाल भोग लगाया जाएगा। दोपहर 12 बजे अन्न भोग लगाया जाएगा और 12.10 बजे पट बंद हो जाएगा। दोपहर तीन बजे मंदिर का पट पुन: खुलेगा, जो रात आठ बजे तक खुला रहेगा। शाम 7.30 बजे आरती व भोग निवेदन होगा। रात आठ बजे पट बंद हो जायेगा। यह क्रम 16 जुलाई तक चलेगा।

16 जुलाई को खीर, खिचड़ी और सब्जी का भोग लगेगा

16 जुलाई को रात में भगवान को गुंडिचा भोग लगाया जाएगा। खीर, खिचड़ी और सब्जी का भोग लगेगा। पूरे साल में सिर्फ एक ही दिन रात्रि में गुंडिचा भोग लगता है। 17 जुलाई को घुरती रथ यात्रा है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code