पीएम मोदी ने सांसदों को दिया संदेश – हुड़दंग और शरारतपूर्ण व्यवहार करने वालों को लोकतंत्रप्रेमी याद नहीं रखेंगे
नई दिल्ली, 31 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन बुधवार को कहा कि हुड़दंग, नकारात्मकता और शरारतपूर्ण व्यवहार करने वालों को लोकतंत्रप्रेमी याद नहीं रखेंगे, उनके लिए यह बजट सत्र पश्चाताप का भी अवसर है।
पीएम मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आदतन हुड़दंग करने का जिनका स्वभाव बन गया है और जो आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं, ऐसे सभी सांसदों को आत्म निरीक्षण करना चाहिए। देश नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाइयों को पार करता हुआ आगे बढ़ रहा है, सर्वस्पर्शी, सर्वांगीण और सर्वसमावेशी विकास हो रहा है और यह यात्रा जनता जनार्दन के आशीर्वाद से निरंतर जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मार्गदर्शन मिलेगा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी, नारी शक्ति की ताकत दिखेगी। जब चुनाव का समय निकट होता है तो आम तौर पर पूर्ण बजट नहीं रखा जाता है, नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट लेकर आएंगे।’
इस बार कुछ दिशानिर्देश की बातें लेकर देश की वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी हम सबके सामने कल अपना बजट पेश करने वाली हैं।
देश नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाइयों को पार करते हुए आगे बढ़ रहा है, सर्व स्पर्शी विकास हो रहा है, सर्वांगीण विकास हो रहा है, सर्व समावेशी विकास हो रहा… pic.twitter.com/jw2H8SSqXb
— BJP (@BJP4India) January 31, 2024
पीएम मोदी ने कहा, ‘गत 10 वर्षों में जिसको जो रास्ता सूझा, उस प्रकार से सबने संसद में अपना-अपना कार्य किया। लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगा कि जिनका आदतन हुड़दंग करने का स्वभाव बन गया है, जो आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं, ऐसे सभी मान्य सांसद आज जब आखिरी सत्र में मिल रहे हैं तो ये जरूर आत्मनिरीक्षण करेंगे कि 10 साल में उन्होंने जो किया, वो उनके संसदीय क्षेत्र में भी किसी को याद नहीं होगा कि उन्होंने इतना हुड़दंग मचाया।’
उन्होंने कहा, “इस नए संसद भवन में जो पहला सत्र हुआ था, उसके आखिर में इस संसद ने एक बहुत ही गरिमापूर्ण फैसला लिया था। वो फैसला था ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम’। 26 जनवरी को भी हमने देखा कि किस प्रकार देश ने कर्तव्य पथ पर नारीशक्ति के शौर्य, सामर्थ्य और नारीशक्ति के संकल्प की शक्ति का अनुभव किया।”