1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. अखिलेश यादव की सलाह भी नहीं मान रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, अब द्रौपदी चीरहरण पर दिया विवादित बयान
अखिलेश यादव की सलाह भी नहीं मान रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, अब द्रौपदी चीरहरण पर दिया विवादित बयान

अखिलेश यादव की सलाह भी नहीं मान रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, अब द्रौपदी चीरहरण पर दिया विवादित बयान

0
Social Share

लखनऊ, 22 नवम्बर। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं को धार्मिक मामलों में विवादित बयान देने से मना कर रखा है। लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य पर इस सलाह या मनाही का कोई असर नहीं है, तभी तो वह धार्मिक मामलों में विवादित बयान देने के बाज नहीं आ रहे हैं। इसी क्रम में स्वामी प्रसाद ने अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा स्कूलों में रामायण और महाभारत पढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर विवादित टिप्पणी कर दी।

स्वामी प्रसाद के बयान पर सपा नेताओं ने चुप्पी साधी, भाजपा ने की काररवाई की मांग

NCERT के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत शामिल किए जाने को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को कहा कि क्या एनसीआरटी द्रौपदी जैसी अन्य तमाम देवियों के चीरहरण को बढ़ावा देना चाहती है। उनके इस कथन पर सपा नेताओं ने चुप्पी साध ली है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर काररवाई करने की मांग की है। भाजपा नेताओं का कहना है कि स्वामी प्रसाद जानबूझ कर हिन्दू समाज की भावनाओं को आहत करने वाले बयान दे रहे हैं।

स्वामी प्रसाद का विवादित कथन

फिलहाल एनसीईआरटी के स्कूलों में रामायण और महाभारत पढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर आपत्ति करते हुए स्वामी प्रसाद ने सोशल मीडिया साइट लिखा, ‘यद्यपि आज वैसे ही बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा व महिला उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज के लोगों पर पेशाब करना, समय से फीस न जमा करने पर बच्चों की पिटाई कर मौत की नींद सुला देना। कहीं महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार की घटना के बाद हत्या कर लाश को टुकड़े-टुकड़े कर देना और कॉलेज व विश्वविद्यालय परिसर में भी यदा-कदा छात्राएं अपमानित होने के फलस्वरूप आत्महत्या करने के लिए मजबूर होने की घटनाएं प्रकाश में आती रहती है। ऐसे में क्या एनसीईआरटी और सरकार, रामायण तथा महाभारत को पाठ्यक्रम में शामिल कर सीता, शूर्पणखा व द्रौपदी जैसी महान देवियों को क्रमशः अग्नि परीक्षा के बाद भी परित्याग, वैवाहिक प्रस्ताव पर नाक-कान काटने की त्रासदी व द्रौपदी जैसी अन्य तमाम देवियों के चीरहरण को बढ़ावा देना चाहती है?’

सपा महासचिव ने लिखा है, ‘एक ने भाई को भाई से लड़ाने का काम किया तो दूसरे ने भाइयों को आपस में लड़ाया। क्या सरकार पारिवारिक विघटन को और भी बढ़ावा देने की पक्षधर है? यदि रही बात पाठ्यक्रम में देश के हीरो को पढ़ाने की तो वर्तमान राष्ट्र के महान वीर सपूतों, राष्ट्र निर्माताओं और नायकों को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में लाएं।’

स्वामी प्रसाद का सुझाव

स्वामी प्रसाद का कहना है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, वीरांगना ऊदा देवी, चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां, पं. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, वीर उधम सिंह जैसे आदि महानायकों को शामिल किया जा सकता है। अब फिर से शम्बूक का सिर व एकलव्य का अंगूठा न काटा जाए, इस बात को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता है। फिलहाल स्वामी के इस सुझाव पर सपा के नेता भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code