1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. विद्यार्थियों के लिए वर्ष में दो बार 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं – धर्मेंद्र प्रधान
विद्यार्थियों के लिए वर्ष में दो बार 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं – धर्मेंद्र प्रधान

विद्यार्थियों के लिए वर्ष में दो बार 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं – धर्मेंद्र प्रधान

0
Social Share

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (पीटीआई)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि विद्यार्थियों के लिए वर्ष में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं बल्कि वैकल्पिक होगा। उन्होंने एक खास इंटरव्यू में यह भी कहा कि ‘डमी स्कूलों’ के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इस पर गंभीर चर्चा करने का समय आ गया है।

वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा में बैठना पूरी तरह वैकल्पिक होगा

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘विद्यार्थियों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह ही वर्ष में दो बार कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा। वे परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं। लेकिन ये पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, इसे लेकर कोई बाध्यता नहीं होगी। विद्यार्थी अक्सर ये सोचकर तनाव में आ जाते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया। उनका मौका चला गया या वो बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। इसी डर से होने वाले तनाव को कम करने के लिए ये विकल्प पेश किया जा रहा है।’

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर किसी विद्यार्थी को लगता है कि वह पूरी तरह से तैयार है और पहली परीक्षा में प्राप्त अपने अंकों से संतुष्ट है तो वह दूसरी परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से अगस्त में घोषित एनसीएफ के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं वर्ष में दो बार आयोजित की जाएंगी ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यार्थियों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और मौका हो। साथ ही उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देने का मौका मिले।

वर्ष में दो बार परीक्षा के आयोजन पर विद्यार्थियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

धर्मेंद्र प्रधान ने हालांकि यह भी कहा कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना पर उन्हें विद्यार्थियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा, ‘इसे हासिल करने के क्रम में हम छात्रों को शैक्षणिक और व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के लिए शिक्षा और कौशल के बीच तालमेल बना रहे हैं। आज लगभग 1000 कौशल केंद्र हैं, जिनमें एक लाख उम्मीदवार नामांकित हैं। हम ऐसे 5000 केंद्र बनाने की योजना बना रहे हैं। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में गतिशीलता प्रदान करता है और क्रेडिट आधारित प्रणाली में कौशल और अनुभवों के एकीकरण में मदद करता है।’

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code